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प्रवचनसार-कणिका :
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प्रवेश करेंगे। एक जन एक पेड़ के ऊपर बैठ के ध्यान रक्खेगा कि कोई आता तो नहीं है?
एक जन वृद्ध चौकीदार जाग कर के कुछ आवाज . नहीं करे इसकी सावधानी रखना है। हम तीनों मन्दिर में जायेंगे । मन्दिर के गर्भगृह में ले धन भंडार के रूम में । जाया जाता है। वहां जाकर के मार्ग खोज लिया जायगा।
वंकचूल की इस योजना से सभी सस्मत हुये । पांच अश्व निकल गये । वंकचूल और चार साथी नृत्य देखने के बहाने पांथशाला में से निकल पडे । प्रथम प्रहर पूर्ण । होने के साथ ही सव वगीचा के पास मिल गये।
प्रहरी आके चला गया। उसकी खात्री हो गई।
धीमे रह के पांचों जन वगीचा की दीवाल कृदके वगीचा में आ गये। योजना के अनुसार सभी विखर गये ।
वंकचूल अपने दो साथियों के साथ मन्दिर में आ. गया वंकचूल की चकोर (चालाक) नजर एक चिराड. पर गिरी।
भोपाके लिये इस तरह की चोरी प्रथम होने से वह तो देखने में तल्लीन हो गया । __ कमर में छिपाये हुये एक औजार से वाकोलं पाडयु (सेंघ लगाई यानी दीवाल खोद दी)। एक मनुष्य अन्दर जा सके इतना मार्ग हो गया । . . वंकचल न दोनो साथियों के साथ खंड में प्रवेश किया। खंड में सम्पूर्ण अंधकार होने से कुछ भी दिखाता नहीं था। लेकिन अंधकार में टेवा गये वंकचूल ने तय किया कि मेरा अनुमान सच्चा है । एक मोमबत्ती जला