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प्रवचनसार कर्णिका
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हो तो वैसा करने को भी हम तैयार हैं। और अगर हमारी जिन्दगी देना पडे तो जिन्दगी देने को भी हम तैयार हैं। इसलिये जो उपाय हो वह हमसे कहो।
महात्मा स्मित करके बोले कि वहुत अच्छी बात है। में उपाय करता हूं। तुम एक प्याला पानीका भर लाओ।
वे पानीसे भरा प्याला ले आये । इसके बाद कुछ मन्त्र बोलते हों एसा महात्मा ने देखाव (ढोंग) किया । थोड़ी देरके बाद उन सवको उद्देश्यकर के कहा कि देखो इस प्याले में का पानी तुम्हारे में से किसी एक को पी लेना है । परन्तु पीनेवाला मर जायगा और लड़का वच जायगा।
वह लडका तो दुखावाकी वूम पाडता ही था यानी चिल्ला रहा था कि मरे मरे पेट खूब दुःख रहा है। क्या वन रहा है ? यह सव वह देखा करता था और सुन रहा था । .
महात्मा के हाथमें का प्याला लेने के लिये कोई भी अपना हाथ लस्वा नहीं कर रहा था । लडके का वाप लडका की माँके सामने देखने लगा । और लडके की माँ लडके की बहू के सामने देखने लगी। और लडके की बहू (पत्नी) मुँह नीचाकर के जमीन खोदने लगी । इस तरह सभी एक दूसरे की तरफ देखने लगे। लेकिन उनमें से कोई भी महात्मा के हाथमें के प्याला के पानी को पीने के लिये तैयार नहीं हो रहा था ।
महात्माने फिरसे पूछा कि यह प्याला कोई पियेगा?