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प्रवचनसार कणिका .
शेठने तो राजकुमार के मुड़दा को चाँदनी में दिखाई दे इस तरह पेड़ पे बैठाया। और पेड़ पर से नीचे उतर के थोड़ी दूर जाके जमादार के माथा में ताक के किया पत्थर का घाव और सीधे घर मेगा हो गये थानी घर चले गये।
इस तरफ वह पत्थर वरावर जमादार की टाल में (चांद में) लगा। इससे माथा फूट गया (यानी लिर फूट गया)। दूसरे सिपाही जमादार की चिल्लाहट सुन के दौड़ आये।
जमादार ने कहा सामने पेड के ऊपर ले पत्थर आया है एसा लगता है। इसलिये पेड़ पर चोर दिखाई देतो गोलीबार करके उसे मार डालो। . पोलिस के द्वारा जांच करने पर पेड़ के ऊपर शेठ के द्वारा वैठाया गया राजकुमार का सुडदा देखकर यही चोर लगता है एसा मानके गोलीवार किया। उसी समय मुडदा झाड़ के नीचे गोली के धाव से गिर गया।
जमादार और पोलिस ने दौड़के जाके देखा तो राजकुमार को गोली से मरा हुआ पाया। इससे पोलिस जमादार अन्दर अन्दर लड़ने लगे।
जमादार ने कहा तुमने मारा और पोलिस कहें तुम्हारे कहने ले मारा ।
दोनों विचार करने लगे कि अब क्या हो ? आखिर वे भी सलाह लेने को चौबटिया शेठको बुला लाये । ।
सेठने कहा तुम्हारा आ बना समझ लेना। राजा छोड़ेगा नहीं।
वे तो करगरते करगरते सेठ के पैरों में पडे । और