Book Title: Panchsangraha Part 05
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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गाथा १२६
अनन्तानुबंधिकषाय चतुष्क का जघन्य
स्वामित्व
गाथा १२७
स्त्रीवेद का जघन्य प्रदेशोदयस्वामित्व
गाथा १२८
( ४९ )
आयुचतुष्क का जघन्य प्रदेशोदय स्वामित्व
गाथा १३१
गाथा १२६. १३०
नरकगति, आनुपूर्वीचतुष्टय का जघन्य प्रदेशोदय
स्वामित्व
देवगति का जघन्य प्रदेशोदय स्वामित्व
प्रदेशोदय
गा १३२
पूर्वोक्त से शेष मनुष्यगति, जातिचतुष्क आदि प्रकृतियों का जघन्य प्रदेशोदय स्वामित्व प्रकृतिसत्कर्म प्ररूपणा के अर्थाधिकारों के नाम सत्तापेक्षा मूल प्रकृतियों की सादि-अनादि प्ररूपणा
गाथा १३३
सत्तापेक्षा उत्तर प्रकृतियों की सादि-अनादि प्ररूपणा निद्राद्विक, ज्ञानावरणपंचक आदि प्रकृतियों का सत्ता स्वामित्व
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गाथा १३४
मिथ्यात्व और सम्यक्त्व मोहनीय का निश्चित और भजनीय सत्ता स्वामित्व
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