________________
नत्याध्यायः
३३४
पाँच प्रकार का पार्थाभिनय
पाश्र्वाभिनय के भेद विवर्तित और उसका विनियोग अपसृत और उसका विनियोग प्रसारित और उसका विनियोग नत और उसका विनियोग
उन्नत और उसका विनियोग पाँच प्रकार का कटि अभिनय
श्लोक संख्या पृष्ठ संख्या ३३३ १२२
.. १२२
१२३ ३३६
१२३ ३३७ १२३
३३५
.३३८
कटि अभिनय के भेद कम्पिताऔर उसका विनियोग उद्वाहिता और उसका विनियोग छिन्ना और उसका विनियोग विवृत्ता और उसका विनियोग रेचिता और उसका विनियोग
१२३ १२३ १२३
३४०
३४१
१२४ १२४
३४२ ३४३
. १२४
तेरह प्रकार का पादाभिनय
१२४-१२५ १२५ १२५
३४४-३४५ ३४६ ३४७ ३४८ ३४९ ३५०-३५१ ३५२
१२५
पादाभिनय के भेद सम पाद औरउसका विनियोग
अञ्चित पाद और उसका विनियोग · कुञ्चित पाद और उसका विनियोग सूची पाद और उसका विनियोग अग्रतलसञ्चर पाद और उसका विनियोग उद्घटित पाद और उसका विनियोग नोटित पाद और उसका विनियोग घट्टितोत्सेव पाद और उसका विनियोग घटित पाद और उसका विनियोग मदित पाद और उसका विनियोग अप्रण पाद और उसका विनियोग
१२५
१२६
३५४
१२६ १२६ १२६ १२६-१२७ १२७ १२७
३५६ ३५७