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२३. प्रश्न : अनुभागखण्डन (अनुभागकाण्डकघात) किसे कहते
उत्तर : कर्मों के अनुभाग के उपरिम अंश, खण्ड या पौरों को
खरोंचकर नष्ट कर देने को अनुभाग-खण्डन या अनुभागकाण्डकघात कहते हैं। अनुभागकाण्डकघात के
द्वारा कर्मों का अनुभागसत्व कम हो जाता है। २४. प्रश्न : अनिवृत्तिकरण गुणस्थान किसे कहते हैं ? उत्तर : एक समयवर्ती नाना जीवों में जिस प्रकार शरीर की
अवगाहना आदि बाह्य तथा ज्ञानावरणादि कर्म के क्षयोपशमादि अन्तरंग कारणों से परस्पर भेद पाया जाता है, उस प्रकार एकसमयवर्ती नाना जीवों के परिणामों में (विशुद्धि की अपेक्षा) निवृत्ति-भेद नहीं पाया जाता है, परन्तु भिन्न समयवर्ती जीवों के परिणामों में सर्वथा भेद । ही पाया जाता है, उसे अनिवृत्तिकरण गुणस्थान कहते
हैं।
इन तीनों कारणों का काल उत्तरोत्तर कम होता है और परिणामों की संख्या उत्तरोत्तर अधिक-अधिक होती है।
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