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२३५. प्रश्न : द्रव्यों के प्रदेश चल हैं या अचल हैं या चलाचल
उत्तर : सर्व संसारी जीवों के शरीर के मध्य भाग में स्थित
गोस्तनाकार आठ प्रदेश अचल ही हाल है, शेष प्रदेश चल और चलाचल होते हैं क्योंकि संसारी जीच अनवस्थित स्थिति वाले हैं। विग्रहगति में स्थित जीवों के प्रदेश चल रूप ही होते हैं। मुक्त जीवों के प्रदेश अचल एवं अकम्प ही होते हैं क्योंकि ये अवस्थित होते हैं। धर्म, अधर्म, आकाश और काल द्रव्य के प्रदेश अचल एवं अकम्प ही होते हैं, क्योंकि ये अवस्थित द्रव्य हैं। पुद्गल द्रव्य में परमाणु तथा संख्यात, असंख्यात आदि अणु के जितने स्कन्ध हैं, वे सभी चल हैं, किन्तु एक अन्तिम महास्कन्ध
चलाचल है। २३६. प्रश्न : पुद्गल वर्गणा के कितने भेद हैं ? उनमें से ग्राम
वर्गणायें कितनी हैं ? उत्तर : पुद्गल वर्गणा के तेईस भेद हैं- (१) अणु वर्गणा (२)
संख्याताण वर्गणा (३) असंख्याताण वर्गणा (४) अनन्ताण वर्गणा (५) आहार वर्गणा (६) अग्राह्य वर्गणा (७) तैजस वर्गणा (८) अग्राह्य वर्गणा (६) भाषा वर्गणा (१०) अग्राह्य वर्गणा (११) मनो वर्गणा (१२) अग्राह्य वर्गणा (१३) कार्मण
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