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समय में ५४ जीव होते हैं। क्षपक श्रेणी में इनसे दुगुने होते हैं अर्थात् प्रथम समय में ३२ जीव, द्वितीय समय में ४८ जीव, खनीय समय में E0 जीत, चतुर्थ समय में ७२ जीव, पाँचवें समय में ६४ जीव, छठे समय में ६६जीव, सातवें समय में १०८ जीव और आठवें समय में १०८ जीव होते हैं।
२४६. प्रश्न : सम्यक्त्व मार्गणा के कितने भेद हैं ?
उत्तर : सम्यक्त्व मार्गणा के छह भेद हैं- (१) औपशमिक
सम्यग्दर्शन, (२) क्षायोपशमिक सम्यग्दर्शन (३) क्षायिक
सम्यग्दर्शन, (४) मिश्र, (५) सासादन और (६) मिथ्यात्व । २४७. प्रश्न : औपशमिक सम्यग्दर्शन किसे कहते हैं ? उत्तर : अनादि मिथ्यादृष्टि जीव के मिथ्यात्व और अनन्तानुबन्धी
क्रोध-मान-माया-लोभ इन पाँच प्रकृतियों के उपशम से और सादि मिथ्यादृष्टि जीव के मिथ्यात्व, सम्यग्मिथ्यात्व और सम्यक्त्व प्रकृति तथा अनन्तानुबन्धी क्रोध-मानमाया-लोभ इन सात प्रकृतियों के उपशम से होने वाले सम्यग्दर्शन को औपशमिक सम्यग्दर्शन कहते हैं।
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