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७६. प्रश्न : मार्गणा के कितने भेद हैं ? उत्तर : मार्गणा के चौदह भेद हैं- १. गति, २. इन्द्रिय, ३. काय,
४. योग, ५. वेद, ६ कषाय, ७. ज्ञान, ६. संयम, ६. दर्शन, १०. लश्या, ११. भव्यत्व, १२. सम्यक्त्व,
१३. संज्ञी और १४. आहार। ५०. प्रश्न : सान्तर मार्गणा और निरन्तर मार्गणा किसे कहते
हैं ? उनके कितने भेद हैं ? उत्तर : जिनमें विच्छेद-अन्तर पड़ता है, उन्हें सान्तर मार्गणा
कहते हैं। जिनमें विच्छेद-अन्तर नहीं पड़ता है, उन्हें निरन्तर मार्गणा कहते हैं। संसारी जीवों के उपर्युक्त १४ मार्गणाओं में से किसी का भी विच्छेद नहीं पड़ता है। वे सभी जीवों के सदा ही पायी जाती हैं, अतएव उनको निरन्तर मार्गणा कहते हैं। सान्तर मार्गणा के ८ भेद हैं- १. उपशम सम्यक्त्व, २. सूक्ष्मसाम्पराय संयम, ३. आहारक काययोग, ४. आहारक मिश्रकाययोग, ५. वैक्रियिकमिश्रकाययोग, ६. लब्ध्यपर्याप्तक मनुष्य, ७. सासादन सम्यक्त्व और ८. मिश्र। ये मार्गणायें सामान्य से निरन्तर में ही गभिंत
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