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अनन्तानन्त हैं। शंख आदि द्वीन्द्रिय जीच, चीटी आदि त्रीन्द्रिय जीव, भ्रमर आदि चतुरिन्द्रिय जीव, मनुष्य आदि पंचेन्द्रिय जीव 'असंख्यातासंख्यात हैं। एकेन्द्रिय जीवों में एक भाग प्रमाण बादर जीव एवं बहुभाग प्रमाण सूक्ष्म जीव होते हैं। बादर एकेन्द्रिय जीवों में एक भाग पर्याप्त जीव एवं बहुभाग प्रमाण अपर्याप्त जीव होते हैं। सूक्ष्म एकेन्द्रिय जीवों में बहुभाग पर्याप्त जीव और एक
भाग अपर्याप्त जीव पाये जाते हैं। ६५. प्रश्न : कायमार्गणा किसे कहते हैं ? उत्तर : जाति नामकर्म के अविनाभावी त्रस और स्थावर नामकर्म
के उदय से होने वाली जीव की पर्याय विशेष को काय
कहते हैं। ६६. प्रश्न : काय के कितने भेद हैं ? उत्तर : पृथिवीकाय, जलकाय, अग्निकाय, वायुकाय और
वनस्पतिकाय ये पाँच स्थावरकाय तथा एक त्रसकाय इस प्रकार काय के छह भेद हैं।
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