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उत्तम भोगभूमि के मनुष्य-तियचों का सूर्य समान वर्ण। मध्यम भोगभूमि के जीवों का चन्द्र समान वर्ण। जघन्य भोगभूमि के जीवों का हरित वर्ण। बादा जलकायिक बीदों का शुक्र वर्ग बादर तेजस्कायिक जीवों का पीत वर्ण। घनोदधिवातवलय अर्थात् वायुकायिक जीवों का गोमूत्र वर्ण। घनवातवलय (वायुकायिक जीवों) का मूंगा समान वर्ण। तनुवातवलय (वायुकायिक जीवों) का अव्यक्त वर्ण। सम्पूर्ण सूक्ष्म जीवों के शरीर का कापोत वर्ण। विग्रह में सम्पूर्ण जीवों के शरीर का शुक्ल वर्ण और निर्वृत्यपर्याप्त अवस्था वाले जीवों का कापोत वर्ण होता
१६८. प्रश्न : कृष्ण लेश्या याले जीव के क्या लक्षण हैं ? उत्तर : जो अत्यन्त क्रोधी हो, बैर को नहीं छोड़ता हो, भंड वचन
बोलने वाला हो, दयाधर्म से रहित हो, दृष्टि हो तथा किसी के भी वश में न हो, वह कृष्ण लेश्या वाला जीव
है।
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