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शक्ति की अपेक्षा कषायों के भेद
अप्रत्याख्यान
प्रत्याख्यान
संज्वलन
अनन्तानुबन्धी पत्थर पर खींची गयी रेखा के समान
पृथिवी पर खींची गयी रेखा के समान
धूलि पर खींची गयी जल पर खींची गयी रेखा के ममान रेखा के समान
हड्डी के समान
पत्थर के समान
काष्ठ के समान
वेत के समान
(06)
___ बाँस की जड़ के समान पेढ़े के सींग के समान गोमूत्र के समान ।
युरपा के समान
लोभ
क्रिमिराग के समान
चक्रमल के समान
शरीरमल के समान
हल्दीरंग के समान
फल
नरकगति
तिर्यचगति
मनुष्यति
देवगति