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१४१. प्रश्न : शक्ति की अपेक्षा क्रोधादि कषायों के कितने भेद होते हैं ?
उत्तर : शक्ति की अपेक्षा क्रोधादि कषायों के चार-चार भेद होते हैं ।
( तालिका पृष्ठ ७० पर देखें)
१४२. प्रश्न : नोकषाय किसे कहते हैं ?
उत्तर: जिनका उदय क्रोधादि कषायों की अपेक्षा न्यून होता है, उन्हें नोकषाय (किंचित् कषाय) कहते हैं। इनके नौ भेद हैं- ( १ ) हास्य, ( २ ) रति, (३) अरति, (४) शोक, (५) भय, (६) जुगुप्सा, (७) पुरुषवेद ( ८ ) स्त्रीवेद और (६) नपुंसकवेद |
१४३. प्रश्न: किस कषाय का उदय किस गुणस्थान तक होता है ?
उत्तर : अनन्तानुबन्धी कषाय का उदय दूसरे गुणस्थान तक, अप्रत्याख्यानावरण का उदय चौथे गुणस्थान तक, प्रत्याख्यानावरण का उदय पाँचवें गुणस्थान तक और संज्वलन का उदय दसवें गुणस्थान तक होता है। हास्यादि छह नोकषायों का उदय आठवें गुणस्थान तक और तीनों
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