Book Title: Karananuyoga Part 1
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 58
________________ ६६. प्रश्न : सप्रतिष्ठित प्रत्येक किसे कहते हैं ? उत्तर : जिनके आश्रय बादर निगोदिया जीव रहते हैं तथा जिनकी शिरा, सन्धि तथा पर्व आदि प्रकट न हुए हों, जिनका मंग करने पर समान भंग होता हो, तोड़ने पर जिनमें परस्पर तन्तु न लगे रहें एवं छेद करने पर भी जिनकी पुनः वृद्धि हो जावे और जिसकी स्कन्ध की छाल मोटी हो उनको सुप्रतिष्ठित प्रत्येक वनस्पति कहते हैं, इन्हें उपचार से साधारण वनस्पति की कहते हैं । १०० प्रश्न : सप्रतिष्ठित प्रत्येक और साधारण वनस्पति में क्या भेद है ? उत्तर : सप्रतिष्ठित प्रत्येक वनस्पति के आश्रित रहने वाले बादर निगोदिया जीव अपने शरीर का स्वतन्त्र अस्तित्व रखते हैं। साधारण वनस्पति में रहने वाले अनन्तानन्त जीव अपने शरीर का स्वतन्त्र अस्तित्व न रखकर एक शरीर के ही स्वामी होते है । १०१. प्रश्न: अप्रतिष्ठित प्रत्येक किसे कहते हैं ? उत्तर: जिनके आश्रय बादर निगोदिया जीव नहीं रहते हैं तथा जिनकी शिरा, संधि और पर्व आदि की रेखाएँ प्रकट हो चुकी हैं, तोड़ने पर जिनका समान भंग नहीं होता है एवं (५३)

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