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५४. प्रश्न : सबसे जघन्य और सबसे उत्कृष्ट अवगाहना
किसकी होती है ? उत्तर : सबसे जधन्य-अवगाहना ऋजुगति से उत्पन्न होने वाले
सूक्ष्म-निगोदिया-लब्ध्यपर्याप्तक जीव के उत्पत्ति से तीसरे समय में होती है, जिसका प्रमाण घनांगुल का असंख्यातयाँ भाग है। उत्कृष्ट अयगाहना स्वयम्भूरमण समुद्र के मध्य में होने वाले महामत्स्य की होती है, जिसका प्रमाण एक हजार योजन लम्बा, पाँच सौ योजन चौड़ा और ढाई सौ योजन
मोटा है। ५५. प्रश्न : इन्द्रियों की अपेक्षा जीवों की उत्कृष्ट अवगाहना
कितनी है और यह किनके होती है ? उत्तर : एकेन्द्रिय जीवों में कमल की कुछ अधिक एक हजार
योजन, द्वीन्द्रिय जीवों में शंख की बारह योजन, त्रीन्द्रिय जीवों में चींटी की तीन कोश, चतुरिन्द्रिय जीवों में भ्रमर की एक योजन और पंचेन्द्रिय जीवों में महामत्स्य की एक हजार योजन उत्कृष्ट अवगाहना है। उत्कृष्ट अवगाहना के धारक जीव स्वयम्भूरमण द्वीप और स्वयम्भूरमण समुद्र में होते हैं।
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