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प्रश्न : एकेन्द्रिय आदि जीवों के कितने-कितने प्राण होते
हैं ?
उत्तर : जीव
७१.
इन्द्रिय
असंज्ञी
पंचेन्द्रिय
बल
एकेन्द्रिय
स्पर्शन
जीन्द्रिय
स्पर्शन- रसना
त्रीन्द्रिय स्पर्धान- रसना
प्राण
चतुरिन्द्रिय स्पर्शन- रसना काय वचन
प्राण-चक्षु
स्पर्शन- रसना
घाण-चक्षु-कर्ण
स्पर्शन- रसना
संज्ञी पंचेन्द्रिय घाण-चक्षु कर्ण
आयु श्वासो कुल
स्वास
काय
काय वचन
काय वचन
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काय वचन
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काय वचन मन
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अपर्याप्त अवस्था में वचन मन बल और श्वासोच्छ्वास ये तीन प्राण नहीं होते हैं, अतः अपर्याप्तक एकेन्द्रिय आदि जीवों में क्रमशः ३, ४, ५, ६, ७ और ७ प्राण होते हैं। ७२. संज्ञा किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर : जिनसे संक्लेशित होकर जीव इस भव में और जिनके विषय का सेवन करने से जीव दोनों ही भवों में दारुण
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