Book Title: Karananuyoga Part 1
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 33
________________ शीत, उष्ण और शीतोष्ण : शीत, उष्ण और मिश्र गुणों से युक्त पुद्गत परमाणुवाली योनि को क्रम से शीत, उष्ण और शीतोष्ण योनि कहते हैं। संवृत, विवृत और संवृत-विवृत : कुछ ढकी हुई, कुछ खुली हुई और कुछ ढकी हुई और कुछ खुली हुई योनि को क्रम से संवृत, विवृत और संवृत-विवृत योनि कहते ४९. प्रश्न : जन्म किसे कहते हैं ? उसके किसने भेव है? उत्तर : जीव की उत्पत्ति को जन्म कहते हैं। जन्म के तीन भेद है - १. गर्भ जन्म, २. उपपाद जन्म और ३. सम्मूर्छन जन्म। ४६. प्रश्न : गर्भ जन्म किसे कहते हैं ? यह किसके होता है? उत्तर :नर और मादा की रतिक्रिया के बाद रज और वीर्य मिलने से जो जन्म होता है, उसे गर्भ जन्म कहते हैं। इन तीन प्रकार के जीयों के गर्मजन्म ही होता है। १. जरायुज, २. अंडज और ३. पोत । जरायुज : जाल के समान मांस और खून से व्याप्त एक प्रकार की थैली से लिपटे हुए जो जीव पैदा होते हैं, उन्हें जरायुज कहते हैं जैसे- गाय, भैंस, मनुष्य आदि । (4)

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