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अनानु पूर्वी।
a laulm rawal
१३ | ५। अष्ट कर्मों को क्षय करके | २ | ५ | | ५ ३ केवल ज्ञान केवल दर्शन | २|
उत्पन्न करके अजर अमर
। र| अविनाशी ऐसे सिद्ध मोक्ष २५ ३ | ४|१| |२४|५|१|
- पद को प्राप्त होते हैं । (६) २
परमेश्वर की भाव युक्त पूजा - करने से पाप दूर होता है, और दुर्गति का निवारण, आपत्ति का विनाश, पुण्य की वृद्धि लक्ष्मी का विस्तार, आरोग्यता का पोषण, सर्वजनों के विपे प्रशंसा, प्रीति का प्रसूत होना, यश की वृद्धि, देवता की पदवी और परम्परा करके मोक्ष पद भी प्राप्त होता है।
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