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( ५२ ) हु गोयरग्गगयं निक्खं अलभ्भमाणं पासित्ता तेणं साहिऊजहादुनिखं वदृश् सेतं पमुप्पन्न कालग्गहणं ॥ ___ भाषार्थः-(पूर्वपक्षः) वर्तमानके पदार्थोंका वोध करानेवाला अनुमान प्रमाणका क्या लक्षण है?(उत्तरपक्ष)जैसे सावु गोचरीको ग्राम वा नगरादिमें गया तब भिक्षाके न प्राप्त होनेपर वा घरोंमें प्रचुर अन्नादि न होनेपर अनुमान प्रमाणके द्वारा कहा जाता है कि जहांपर दुर्भिक्ष वतेता है, इसलिये इसका नाम वर्तमान अनुमान प्रमाण ग्रहण है ।। ___ मूल ॥ लेकित्तं अणागय कालग्गहणं धुमाउ तिदिसाज संविय मेईणीअप्पमिबछा वाया नेरया खलु कुवुष्ठि मेवं निवेयंति अग्गेयं वा वायवं वा अन्नयरं वा अप्पसत्थं जप्यायं पासित्ता तेणं साहिजर कुवुष्टि नविस्सइ सेतं अणागय कालग्गहणं सेत्तं विसेस दिठं से दिठि साहम्मवं सेत्तं अनुमाणे ॥