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३ पगइ सोमो - सौम्य प्रकृति युक्त होना चाहिये अर्थात शान्ति स्वभाव क्षूद्र जनोंके किये हुए उपद्रवोंको माध्यस्थताके साथ सहन करने चाहिये, और मस्तकोपरि किसी कालमें भी अशान्ति लक्षण न होने चाहिये ॥
8 लोअपिओ - लोकप्रिय होना चाहिये अर्थात् परोपकारादि द्वारा लोगोंमें प्रिय हो जाता है । परोपकारी जीव ऊच्च कोटि गणन किया जाता है । परोपकारियोंके सब ही जीव हितैषी होते हैं और उसकी रक्षामें उद्यत रहते हैं । परोपकारी जीव सर्व प्रकार से धम्र्मोन्नति करनेमें भी समर्थ हो जाते और अपने नामको अमर कर देते हैं । इस लिये लोगमें प्रिय कार्य करनेवाला लोगप्रिय बन जाता है ||
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५ अक्कूरो- क्रूरता से रहित होवे - अर्थात् निर्दयता से रहित होवे । निर्दयता सत्य धर्मको इस प्रकारसे उखाड़ डालती है जैसे तीक्ष्ण परशुद्वारा लोग वृक्षोंको उत्पाटन करते हैं । निर्दयी पुरुष कभी भी ऊच्च कक्षाओंके योग्य नही हो सक्ता । क्रूर चित्तवाला पुरुष सदैव काळ क्षुद्र वृत्तियों में ही लगा रहता है |
६ असढो - अश्रद्धावाला न होवे - अर्थात् सम्यक् दर्शन युक्त हो जीव सम्यक् ज्ञानको धारण कर सक्ता है। अपितु इत