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( ३२ ) करें उससे कुछ भी सुधार न होवेगा, इसलिये धर्म के कार्य में उद्यम करें।
लिन्न भिन्न धर्म एक ही स्थान पर पहुं. चने के मार्ग है हमने जुदा २ रास्ते पकड़े हैं तो क्या हुअा ? इसमें क्या आपत्ति है, कर्म क्षय किये विगेर मोक्षकिसी का नहीं होता, इसलिये कर्मक्षय का उद्योग करें।
(१) श्री ठाणांगजी सूत्र में फरमाते हैं कि जो लोग स्वहाथ से उलास से लक्ष्मी का सहयोग नहीं करते हैं उसकी लक्ष्मी चोर, रा.... अग्नी, जल, देवता, कुटुम्ब या पृथ्वी ले जाती है।
(२) लक्ष्मी अभयदान, ज्ञानदान में खर्च की उसने सर्वदान दिया है।