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સમુદ્રઘાત-અધ્યયન
૨૩૦૯
उ. गोयमा ! पंच समुग्घाया पण्णत्ता, तं जहा
ઉ. ગૌતમ ! એના પાંચ સમુદઘાત કહેવામાં આવ્યા
छ, म - १. बेयणासमुग्घाए, २. कसायसमुग्घाए,
१. वेहन। समु६धात, २. पाय सभुधात, ३. मारणांतियसमुग्धाए, ४. वेउब्वियसमुग्घाए, 3. भा२४॥न्ति समुद्धात, ४. वैयि सभ६घात, ५. तेजस्समुग्घाए।
५. ते४२ सभुयात. एवं -जाव- थणियकुमाराणं।'
આ જ પ્રકારે સ્વનિતકુમાર પર્વત સમજવું જોઈએ. प. द. १२. पुढविक्काइयाणं भंते ! कइ समुग्घाया प्र. ६.१२. मते ! पृथ्वी45 वोना सा समुद्धात पण्णत्ता?
वामां माव्या छ ? उ. गोयमा ! तिण्णि समुग्घाया पण्णत्ता, तं जहा
गौतम!त्र समुधात वामां माव्या छ,भ१. वेयणासमुग्घाए, २. कसायसमुग्घाए,
१. वेन। सभुयात, २. पाय सभुयात, ३. मारणांतियसमुग्घाए।
3. भारन्ति समुधात. दं. १३-१९. एवं -जाव- चउरिदियाणं।
૬. ૧૩-૧૯. આ જ પ્રકારે ચતુરિન્દ્રિય પર્યત સમજવું
. णवरं-वाउक्काइयाणं चत्तारि समुग्घाया पण्णत्ता, વિશેષ - વાયુકાયિક જીવોના ચાર સમુદ્દઘાત तं जहा
वामां आव्या छ, भ3 - १. वेयणासमुग्घाए, २. कसायसमुग्घाए,
१. वेहन समु६घात, २. पाय समुधात, ३. मारणांतियसमुग्घाए, ४. वेउब्वियसमुग्घाए।"
3. भारन्ति समुधात, ४. वैठिय समुधात. प. दं. २०-२४. पंचेंदिय-तिरिक्खजोणियाणं -जाव- ५. ई.२०-२४.मत! येन्द्रियातिर्थययोनिथा वैमानिस वेमाणियाणं भंते ! कइ समुग्धाया पण्णत्ता ?
પર્યત કેટલા સમુદ્દઘાત કહેવામાં આવ્યા છે ? गोयमा ! पंचसमुग्घाया पण्णत्ता, तं जहा
6. गौतम! पांयसभुधात वामनभाव्याछ,भ१. वेयणासमुग्घाए, २. कसायसमुग्घाए,
१. वेहना समुधात, २. पाय समुधात, ३. मारणांतियसमुग्घाए, ४. वेउब्वियसमुग्घाए, 3. भारन्ति समुद्धात, ४. वैउिय समु६धात, ५. तेजस्समुग्घाए ।
५. ते४२ समु६धात. दं. २१. णवरं-मणूसाणं सत्तविहे समुग्घाए पण्णत्ते,
૨૧. વિશેષ-મનુષ્યોના સાત સમુદ્ધાત કહેવામાં तं जहा
साव्या छ,भ - १. वेयणासमुग्घाए, २. कसायसमुग्धाए
१. वेहन समुधात, २. पाय समुधात, ३. मारणांतियसमुग्घाए, ४. वेउब्वियसमुग्घाए, 3. भारन्ति समुधात, ४. वैङिय समु६धात, ५. तेजस्समुग्घाए। ६. आहारगसमुग्घाए, ५. ते४२ सभुयात, 5. माडा२६ समु६यात, ७. केवलिसमुग्घाए। ६
७. उपसि समुधात. - पण्ण. प. ३६, सु. २०८९-२०९२, (क) जीवा. पडि. १, सु. ४२
(ख) विया. स. २४, उ. १२, सु. ४६ (क) जीवा. पडि. १, सु. १३ (९)
(ख) विया. स. १७, उ. ६, सु. १ (२) (ग) विया. स. २४, उ. १२, सु. ३
(घ) विया. स. २४, उ. १२, सु. २० जीवा. पडि. १, सु. १६-३० (क) ठाणं. अ. ४, उ. ४, सु. ३८० (ख) (सूक्ष्म वायुडायनासभुधात छ-१. वेयणा, २. कसाय, ३. मारणांतिय । -जीवा. पडि. १, सु. २६ (क) जीवा. पडि. ३, सु. ९७ (१)
(ख) जीवा. पडि. १, सु. ३८ (क) जीवा. पडि. १, सु. ४१
(ख) ठाणं. अ. ७, सु. ५८६ For Private & Personal Use Only
१.
५. ६.
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