Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan
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पृष्ठ नं.
२/२०७
शब्द पृष्ठ न. शब्द
पृष्ठ नं. | शब्द पमा (द)य १/७२,९३,१०५,१४३,१९४, | परमाहोहि
१/४१] परिण्णाय सणे
२/११७,११८ १९५,४३७२/५५,२०३,२०४,२०५,२०६, | परलोग आसायणा
१/९७ परिणिंदिता
२/७ २४२,३५१,४१५,४५१ | परलोग पडिणीय
१/८९ परिताव
१/७५३ पमायचरिय २/१२८ | परलोग पडिबद्धा
परित्तकायसंजुत्त आहार १/५८३ पमायणिसेह |परलोगवादी (ई) १/१६८,१७१ परित्तमिस्सिया
१/५१४ पमाय पडिलेहणा १/७३४ परलोगसंवेगणी
२/३९७ परित्त संसारी
२/१९८ पमाय परिच्चाण उवएसो
| परलोगसंसप्पओग
२/१०८ परिदाह पडियाय
१/५०८ पमायबहुल १/४६ | परलोय
१/१५२ परिनिव्वुड
२/६२ पमायसंग
परववएस
१/३०६,२/१३२ परिपुए
.२/८५ पमायी १/४३४ परविवाहकरण २/१२६ | परिभोगेसणा
१/५४२ पमोओ
१/२२२ परवेयावच्च
२/३८५
परिभोयण-परिट्टावणविही १/६२० पमोक्ख
१/१६९;२/२८१ परसमय
परिमाणकड पमोक्खमग्ग २/४६५ परसरीर संवेगणी
२/३९७ परिमिय
२/८५ पयणुय २/३०० परकम्म
१/३४१,७४०
परिमिय पिण्डवाइए २/३०७,३०९ पयत्तछिन्न १/५२२ परिकम्मकय
१/७१२
परियट्ट पयत्तपक्क १/५२२ | परिकम्म कारावण १/३६१-३७८
परियट्टण
१/६३० पयमग्ग १/२७६ परिकम्मविसोही
२/२०७ परियट्टणा
१/१३३; २/३९१ पयरतव २/२९५ | परिकम्माणुमायणा
परियाय १/३४०
१/१४६; २/३३,२५३
परियायथेर पयहीण १/९८ | परिकम्मोवघात
२/२२७ पयाणुसारी परिक्खभासी
परियाय धम्म १/२२५ १/५१३
२/४८ पयंगवीहिया २/३०४ | परिग्गह
परियाल १/३९,१३१,१७४,२१५,
२/३३ परकिरिय | ४२८,४३८४३९; २/३,१९,२९२,४४०
परियावज्जणा १/३३९
१/१२३ पर-गवेसिय
परियावसह | परिग्गहपरिमाण
१/४०८,४२१,६४६ २/३३१ परगं | परिग्गहपासबद्ध
परिया (वि) वित्ता १/४४५
परिया (वा) सिय परचक्क १/५०३ | परिग्गहविरय
१/४८०
१/४४५,४४६ परदत्तभोई
परिवइत्ता |परिग्गह-वेरमण १/३०१; २/६५
१/५३९,५४० १/४५६,२१५, २/३४
परिवाय परदव्वहरणवेरमण १/३०७,३०९ परिग्गह सरूव
१/४३७
परिवुड्ढकाय परदारगमण
१/५२२,५३१ २/१२६ | परिजुण्णा
२/८
परिसर परदेवी परिचारणा निदान करण
१/५५३ २/१८० |
१/५४१ परिसा
१/१४९ परपरिवाया (ओ) १/१७४,२१४, |परिट्ठवण १/६४३,६४५,७३७,७३९,
परिस्सव
१/२०८ ३०५, २/१७७ ७४०,७४२,७४३,७४४,७४५,७४६
परिस्सह
१/१३२ परपासंडपडिमा २/२८६
१/६२०,६२१ परिस्साई
२/३५० परपासंडपसंसा १/१३७; २/१२३ | परिठ्ठावणियागारेणं २/१११,११३
परिहार १/५०१; २/३७८,३८४ परपासंडसेवी १/१३७ | परिट्ठावणिया समिइ १/७३७ परिहार कप्पट्रिय
१/५००, परपासंडसंथव १/१३७; २/१२३ | परिणय १/५८७,५८८,५९०,५९२
।
२/३८२,३८३,३८४ परप्पवाइ २/४४९ परिणायकम्म
१/१८६,४७८
|परिहारहाण १/७०,१००,२/२८१-२८४, परमकेवल १/३२० | परिणिवाण
१/२४५
३५४-३६१,३६९-३७५,३९० परमचक्खू १/४३८; २/४६२ | परिणा
१/११७ परिहारणारिह परमत्थसंथव १/१३६ | परिणायगिहिवास १/१८६ परिहरणविसोही
२/२०७ परमदंसी २/४५४ | परिणाय संख
१/१८६ परिहारणोवघात
२/२०७ परमसुक्कझाण १/३२० परिण्णाय कम्मे
२/११७ परिहारविसुद्धि
२/१२ परमाराम १/३३३ | परिणाय गिहावासे
२/११७,११८
परिहारविसुद्धिय चरित्तगुणप्पमाण १/२६
२/१२६
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