Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 782
________________ पृष्ठ नं. १/१५ २/२५३ शब्द पृष्ठ नं. शब्द पृष्ठ नं. |शब्द गंधवगणा २/१ गरूयत्ताई गेहाईणं १/४६ गंधव्वाण २/६, १० | गरूलावेणुदेवा १/४४३ गेहागारा १/३७८ गंधव्वाणिए १/१२१ | गरुलासण-संठिता १/१६२ गेहागारावि १/३७९ गंधवाणियाहिवई १/१२१ | गरूले चेव १/४३० गेहावणसंठिया २/१७३ गंधव्वाणीए १/१२१ गरूले चेव वेणुदेवे १/४३२ गोकण्णदीवे १/२२४, ३८१ गंधावइ १/२०३ | गवक्ख-जालेणं १/१४६ गोकण्णमणुस्साणं गंधावति १/४०० गह २/३२,२८१,२८४,२८७,४०६ गोकन्ना १/२२४ गंधावई वट्टवेयड्ढपव्वयं १/३६६ गह-णक्खत्त २/४० गोतमदीवस्स २/१९४,१९५ गंधावाई णामं वट्टवेयड्ढ पव्वए १/२९२ | गहणक्खत्ताणं २/४९ गोतमसगोत्त २/२०८ गंधिल १/३२७ गहविमाणे २/३३ गोतित्थसंठिते १/३८४ गंधिलावई १/४१५ गहविमाणेवि गोतित्थस्स १/४०४ गंधिलावइम्मि १/३२७ | गहसयं २/१७ गोत्ता २/२०८ गंधिलावइस्स १/३०५ गहा २/१३,२१,२४,२७,४५ गोत्थूभी १/४५८ गंधिलावईकूडे १/३१६ | गहाईणं २/४४ गोथुभस्स १/२६९,२७०,३९२ गंधिलेविजए १/२४० |गहाण गोथुभस्स णं आवासपब्वयस्स १/३९७,३९८ गंधेवाण १/१५७ गाहावती १/३५६ गोथूभा १/४६१ गंभीरमालिणी १/३५६ | गिपरियाए गोथूभा रायहाणी १/३९२ गंभीरमालिणी अंतरणई १/२४० गिम्हाणं गोथूभे १/३९१ गंभीरमालिणीओ १/४१८ गिम्हे २/४०१ गोपुच्छ-संठाणसंठिए १/३९२ गइपरियाए २/४१० | गिरिपरिरएणं १/२७३ गोपुच्छसंठाण-संठिया १/१४५ गइप्पमाणं २/४४ | गिरिपरिरएणंति १/२७४ गोपुच्छसंठाणसंठिआ १/२६७ गइसमावण्णत्तं २/४८ | गिरिरायसि २/९६ गोपुच्छसंठाणसंठिए १/१७७,२६६, गच्छइ २/४४ | गिरिराया १/२६९ २९७,३०९ गच्छाय २/३९६ | गिरिविक्खंभेणं १/२७४ गोमाणसिआओ १/२८३ गजदंतागारवक्खार पव्वए १/३१६ | गिरिविक्खंभो १/२७३ गोमाणसिआणं संखा १/१८९ गजदंतागारा वक्खारपब्बया १/३०० | गीअरई गोमाणसिया १/१९२ गणनायग १/३ | गीतरती गोमाणसी गणियप्पगारा २/४३० गीयरइस्स २/८ गोमाणसीओ १/१९७ गद्दतोय २/३०१ | गुहा १/३३४ गोमुहदीवे १/२२४ गयअंक १/८६ | गुहाणं १/३३४ गोयमदीवे १/४०५,४०६ गयकण्ण १/३८१ | गूढदन्तदीवे १/२२५ गोयमद्दीवस्स गयकण्ण-मणुस्साणं १/३८१ गेविज्ज २/३२८ १/२७० गोलवट्ट समुग्गएसु जिणसकहाओ १/१९० गयकण्णदीवे १/२२४, ३८१ | गेविज्ज विमाणाणं २/३१० गोलवट्टसमुग्गएसु गयकन्ना गेविज्जगेसु णं भंते ! विमाणपुढवीं २/३०४ १/२२४] १/१९९ गयदंतसंठाणसंठिए १/३०६ | गेवेज्ज २/२८१ गोलवट्टसमुग्गएसु बहवे - गयदन्त संठिए २/२१६ गेवेज्ज विमाणपत्थडे जिणसकहाओ २/३११ १/१९० गयविक्कम संठिए २/२१७ गेवेज्ज विमाणाणं २/३०३ गोवल्लायणस्स २/२०९ २/३९८ गराइ | गेवेज्जग देवा गोसीस चंदणेण २/२९६ १/२१५ २/४०० गराई गेवेज्जग विमाण २/२९६ गोसीस-सरसरत्त १/२०५ गरादि २/३९८ गेवेज्जगविमाणपत्थडा २/२९८ गोसीसचंदणं १/२०३ गरूयलहुए गेवेज्जगेसु णं भंते ! विमाणपुढवी २/३०६ गोसीसचंदणेणं १/२१३,२१४,२१६ गरूलासणाइ. १/१६१ गेवेज्जविमाण २/२७८ गोसीसावलि संठिए २/२१४ गरूय-लहुयपज्जवा १/१७,६३ | गेहसंठिया २/१७३ | गगह-णक्खत्त २/३२८ १/१२० P-187 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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