Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 785
________________ जंभगा चेड शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. चूए १/१८० जंतवो १/२१ | जंबू चेव सुदंसणा १/४३२ चूडामणिं १/२१० | जंबु १/३४८ जंबू-मंदर १/३५४,३५६ चूडामणिचित्तचिंधगए जंबु-मंदरस्स पव्वयस्स १/३०० जंबू-मंदर उत्तरेणं १/३५३ चूडामणि सउडरयण १/८६ | जंबुदीवस्स दीवस्स | जंबू-मंदर-दाहिणेणं १/३५३ चूयवडेंसए २/२८८,३१६ | जंबुद्दीव २/४०३ जंबू-सुदंसणस्स १/२५२ चूयवणे १/१७९ जंबुद्दीव-भागाई २/१४५ जंबू-सुदंसणा १/२५२,४४३ चूलिअंगे २/३६३ जंबुद्दीवं दीवं २/१४१,१४३ जंबूए णं सुदंसणा १/२५१ चूलिए २/३७४ | जंबुद्दीवजीवाणं १/४०२ जंबूए य सुदंसणाए १/४०१ चूलियंगे २/३७४,४०२ जंबुद्दीवपमाणाओ १/४६०,४६१ जंबूए सुदंसणाए १/२४६ चूलिया २/३४४,४०२ जंबुद्दीवस्स १/१६३,२०४,३८६,३९९, जंबूए सुदंसणाए अणाढियाए - चूलियाए २/३६३ ४४१,२/७०,७८,१७७ | रायहाणीए १/२५२ चेइयखंभे जंबुद्दीवस्स दीवस्स २/६८,७५ जंबूदीववत्तव्बया १/४११ चेइयथूभा १/१८६ | जंबुद्दीवा दीवा १/४६९ जंबूद्दीव १/१३८ चेइयथूभे १/२१४,२१५ | जंबुद्दीवाहिवई १/४०१ | जंबूद्दीवं १/४०५ चेइयरूक्खा १/११५,१९२ | जंबुद्दीवे १/११,१८,६७,७९, जंबूद्दीवे दीवे १/३२५,३४१,३५८ चेइयरूक्खाणं १/१८६,१८७,२१५,४५६ ८९,९९,१०८,११०,१४१, जंबूद्दीवे भरहाईवासेसु १/३४० चेइयरूक्खो १/२१५ १७७,२२०,२२५,२२६,२३२,२४२, जंबूपेढस्स १/२४९ चेइयाओ १/२१५ | २५५,२५६,२७८,२८४,२८६,२९१,२९४, जंबूमंदरस्स १/२२१ चेईयरूक्खाणं १/२८३ २९६,२९८,३०७,३१२,३१९,३२१,३३३, २/११ ३४२,३५३,३५७,३६१,३८०,३८१,३९३, जंभगादेवा चेत्ताऽऽसोयपुण्णिमासु २/३४० ३९४,४१८,४४०,४६२,४७१,२/१७,४७,५९,६०, | जंभयाणं देवाणं चेत्ते | ९९,१००,१२६,१३३,१३४,२४२,३२४,४०२ जउणा चेयइरूक्खा २/६ | जंबुद्दीवे एगे १/३६८ २/३९७ चेव हरीए वि णेयव्वा १/३७१ | जंबुद्दीवे चंद उदयऽत्थमण २/५५ | जक्खपडिमाओ १/१९५ छच्चमणोगुलियासाहस्सीओ १/२८३ | जंबुद्दीवे णं १/१४५,२५७,३५५, | जक्खा छत्तधारपडिमाओ १/१९४] ४३८,२/१०९,११९,२५४,२५५,२७७ जक्खाणं छत्ता १/१७१,१७४ | जंबुद्दीवे दिवे १/२८९,२/२८४ | | जक्खे १/४७२,२/१९८ छत्ताइच्छत्ता १/३३७ | जंबुद्दीवे दीव १/९६,११३,१४३,२२३, | जक्खे दीवे १/४७० छत्ताइछत्ता १/१८६,१९२,१९६,१९७ २२४,२२७,२२९,२३०, जक्खोदे समुद्दे १/४७० छत्ताई १/१६०२३७,२४०,२४४,२५८,२६०,२६२ १/१४५ छत्तागारसंठिया २/१७१,१७३ २६५,२८०,२८६,३०१,३०४,३१३,३२२, जगति-पव्वया १/१६० छत्ताणं १/२०१ ३२६,३३२,३५९,३६२,३६३,३८३,३९१, जगतीए १/१४८,१६२ छत्तातिछत्ता १/१७१,१७६,१८०, | ३९५,४३१,४३३,४३५-४३७,२/४,१७,८०, जगतीपउमवरवेईया १/१४५ १८१,१८३,१८७ ८२,८५-८७,९२,१०३,१२४,१३८,जमगदहाणं १/२८४ छत्ते जोए २/६८ १४९,१५७,१७७,१९३,२०७,२६०,२८७,३०७, जमगपमाणेणं १/३१९ छत्तोवग १/१८७ ३१६,३१७,३२०,४०८ जमगपव्वया १/२५६,२५७ छलंसा २/३१९ | जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पब्वयस्स १/३११ जमगपव्वयाणं १/२७८,२७९ छायं | जंबुद्दीवे लवणे १/४७२ जमगसमगं १/११ छाया २/११८,१७५ | जंबुपेढस्स १/२४८ जमगा १/२७८ छिन्नमुत्तावलीसंठिया १/२३ | जंबुमंदर १/३३४ जमगा पब्बया १/२७९ छूरघरग संठिए २/२१५ | जंबुमंदर-पुरस्थिमेणं १/३३४ जमगाओ १/२८४ जंबुद्दीवप्पमाणे २/३०९ | जंबू १/३५६,३६४ जमगाणं १/३४९ २/१० | जए | जगईए P-190 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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