Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 806
________________ संख संवरे stolnikamiliehiintindinni शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. वेसमणे १/३२६,३३२| | संठाणपज्जवा १/१७,६३ | सणंकुमार देवाणं २/२८८ वेसाणियदीवे १/२२४,३८१ |संदमाणिआ १/१५० | सणंकुमार माहिंदाणं २/२८०,२९० वेसाणिया १/२२४ | संधिवालसद्धिं | सणंकुमार-माहिंदेसु २/३०६,३१०,३१३ वेसाणीयमणुस्साणं १/३८० | सयंभूरमणपज्जवसाणा १/१४० सणंकुमारवडेंसए २/२८८ वेसालिय | सयंभूरमणमहाभद्दा १/४६८ | सणंकुमारा देवा २/२८८ वेसाही २/२४९ संवच्छर-जुग-पलिया २/३४१ | सणंकुमारे २/२८९-२९१,२९४,३१३ वैजयन्ती २/४४ | संवच्छरं २/९२,३८५ | सणंकुमारेन्द वण्णओ २/२८९ वेमाणिएहिं १/२७६ संवच्छरस्स २/१५४,१५७ | सणिंचारी १/२४५ संकममाणे २/१३७,१४० संवच्छरस्स पज्जवसाणे २/१३० सणिक्खमणा १/२३० संकुलिकण्णदीवे १/२२४ | संवच्छराणं २/६९,७०,१६५-१६७, सणिच्चारी १/२४७ संकुलिकन्ना १/२२४ १८६,१८८-१९२,३८०,३८५ | सणिच्छर संवच्छरस्स भेया २/३९० १/२०५ संवच्छराणं पढम २/१८५ | सणिच्छरे २/२०० संखपाले १/१०५ संवच्छराणं सूरस्स २/२०२ | सणिच्छारा २/१४ संखमाला १/३७३ संवच्छरिए २/१७८ सहसण्हिया २/३६४,४२१ संखवाल १/१०७ संवच्छरिएसु १/४५९ | सण्हसण्हिया इ वा संखस्स १/२६९,३९३,३९८ संवच्छरे २/३४४,३६३,३७४,३८६ | सण्हसण्हियाओ २/३६४,४२१ संखस्स आवासपब्वयस्स १/३९३,३९७ संवच्छरेण २/४०२ | सतंजए . २/३९६ संखा १/४१५ १/२० | सतभिसया २/२०८,२१८,२२५,२२६, संखा रायहाणी १/३९४ संसारसमावन्नगा २३०,२३८,२४२,२४५,२६४,२६६ संखायणस गोत्ते २/२०८ सअंते १/१६ | सतभिसया कुलोवकुलं २/२२९ संखित्तंसि १/१३ सइंदियच्चेव १/१९ | सतभिसयाणं संखित्तभागो य २/१८९ १/१२ सईए १/४६१ | सताउ १/३७५ १/३९१ सउणीपलीणग संखेज्जवित्थडा २/२१४ | सतेरा १/१०४ १/७८ सएरा संखेविजए १/२३९ १/१०४ | सतेरा य १/१२८ सक्करप्पभा संगह-ववहाराणं १/३८,३९,४८,६८ | सत्तमं पुढविं १/४२ संगहनयावेक्खा सक्करप्पभाईणं १/४८ १/३५ | सत्तमपुढवि १/३७ संघाइमे वा १/१० सक्करप्पभाए १/४३,४५,४६,५३, सत्तमाए १/७४ संघाइमेणं १/२१० ५४,५६,६१,६५ सत्तमाए णं १/८१ संघाडा सक्करप्पभाए णं १/१४६ १/६२ सत्तमाए पुढवीए १/८२ संघाताणं २/३४३ सक्करप्पभापुढविनेरइयाणं सत्तमीए १/६३ संचरण खेतं २/१२३ सक्कस्स १/४६०,४६१,२/२८७,२८९, | सत्तमे घणवाते संझप्पभे २/३१५ ३१२,३१६,३१८,३२५ | सत्तमे घणोदही संठाण १/४९ सक्कस्स ईसाणस्स २/३१२ | सत्तवण्ण वडेंसए २/३१६ संठाण-संठिआ १/३६२ सक्कस्स णं भंते ! २/३१२ सत्तवण्णवणे १/१७९ संठाणं १/१३८,२/२१४ सक्कुलिकण्णदीवे १/३८२ सत्तवण्णे १/१८० संठाणसंठिए १/३२२ सक्कुलिकण्णमणुस्साणं १/३८२ १/१८७ संठाणा २/२४४,२५१,२५२ सक्के २/२८६ सत्तिवण्णवडेंसए २/२८८ संठाणे १/२३१ सगडुड्ढि संठिए २/२१५ सत्तिवण्णवणे १/२८० संठिई २/१७२ | सगडुद्धिसंठिया १/२३ | सत्तिवण्णे १/११५ संठिते सजोणिय १/१९ | सत्थवाह संठियाए २/२५४ | सणंकुमार २/३२८ | सत्थिमुहसंठिया संखे १/४० सत्तवन्न P-211 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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