Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 790
________________ दीवे १/३४८ | दिट्ठि शब्द पृष्ठ नं. शब्द पृष्ठ नं. शब्द पृष्ठ नं. दधिमुहपब्बया १/४५७ | दाहिणड्ढभरहा रायहाणीए १/३२५ | | दीवा य दप्पण १/१८५ | दाहिणभरहड्ढे धणुपिट्ठस्स १/२२८ | दीवाणं परवणं २/१९२ दप्पणा १/१६०,१७६ | दाहिणरूयगपवयवत्थवाओ १/१२६ १/२६४ दभियाणस गोत्ते २/२०९ १/२१,२२ दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दविएकती २/४२९ दाहिणिल्ल-असुरकुमाराणं ठाणा १/८९ दीहवेयड्ढा १/२५६,२५७ दव्व २/४१६ | दाहिणिल्लपिसायदेवठाणाई दीहवेयड्ढ दव्वं १/२१ | दाहिणिल्ला असुरकुमारा १/९० दीहवेयड्ढ गुहाणं दव्वट्ठपएसट्टयाए २/४१३ | दाहिणेणं दीहवेयड्ढगिरिकुमारे १/२८८ दव्वट्ठयाए १/१४८,२/९,४१३,४१४ | दिट्ठी २/४१६ दीहवेयड्ढपब्वए १/३२२,३२४,३२६,३२७ दव्वलोगे १/९ | दिटुंतियं १/२०६ दीहवेयड्ढपव्वएसु १/३२१,३२६ दब्बलोगो दीहवेयड्ढस्स पव्वयस्स सासए १/२८८ दव्वसरूवं १/४९,५५,५६,४०२,४१८ दियावरे १/३३२ दीहवेयड्ढा १/३३४,४३५ दस वक्खारपब्बया १/२९९ | | दिवस २/९४,३४१,३९५ दीहासण-संठिता १/१६२ दह १/४७२ दीवस-खेत्तस्स २/९३ दीहासणाई दहदेवयाओ १/४०० | दिवसतिही २/३९७ दु-पुरिसिच्छायं २/११३ दहावतीए महाणईए १/२३६ दिवसप्पमाण काले २/३३८ | दुद्धजातीय १/३७५ दहिघण १/९० दिवसा २/३८० दुन्दुहि १/२०५ दहिमुहपव्वया १/४५७ दिव्वं णट्टविहिं १/२०६ दुपदेस-वित्थिण्णा १/२३ दहिवण्णे १/११५ | दिव् देवदूसजुयलं १/१९९ दुपोरिसीयं २/११५ दहिवन्न १/१८७ दिसा १/१०१ दुमाणं १/४४३ दहोदगं १/२०२ दिसाइओ १/२६९ दुय-बिलंबियं १/२०६ दामणि २/२१६ | दिवाकुमारिंदा १/१०२ दुयं णट्टविहिं १/२०६ दार १/४१९ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ १/१०४ | दुसम-सुसमा २/३६६ दारंतरं १/४४५-४४८,४५०,४५३, | दिसाकुमारीओ १/१२५,१२७ दुसमसुसमुत्तमिड्ढि २/४०४ दिसाणं भेया १/२१ १/३६७ दारंतरा १/४६४ | दिसादिसिं २/९८ दूरे समीवे २/१०९ दारस्स १/४२२ |दिसासोत्थियासण-संठिता १/१६२ दूसम-सुसमा दारम्स य १/४०४ | दिसाहत्थिकूडा दूसमदूसमा २/३४५,३६६ दारा १/४०३,४१९,४२४,४४५ - | दिसि १/८६ ४४८,४५०,४५३,४५४,४६३, | दिसिकुमारिमहत्तरिया देव उत्ते १/१७ ४६४,४६६ | दिसिभाए १/२८३ | देव कज्जेसु १/४५९ दारूपव्वयगा १/१६० दीहवेयड्ढपव्वयसिहरतलस्स १/२८८ | देवकुरा १/२२१,२२३,२३१, दारे १/१६३,२१३ | दीहवेयड्ढपब्वया १/२८६ २४४,२४५,४२८,४६० दावरजुम्माओ २/४३५ दीव १/८६,१०१ | देवकुरा चेव १/४३०,४३२ दाहावती १/३५६ | दीव-समुद्दा १/४७०,२/३६९ | देवकुराए १/२६५,३००,३०४,४३४ दाहिण-पच्चत्थिमा १/२१ दीवकुमारिंदा १/१०२ | देवकुराए चेव २/४०३ दाहिणं २/१६१,१६२ दीवसमुद्दाणं २/१९८ देवकुरूकूडे १/३२० दाहिणड्ढभरहवासस्स १/२२८ दीवसमुद्देसु १/२२१, २/४७ | देवकुरू। १/२४८,४०१,२/३६४ दाहिणड्ढ भरहकूडे १/३२४ | दीवसिहा १/३७६ | देवकुरूदहे १/३४८ दाहिणड्ढभरहकूडस्स १/३२२,३२४,३२५ | दीवसिहावि १/३७६ | देवगामी १/२२८ दाहिणड्ढभरहकूडस्स देवस्स १/३२५ | दीवस्स १/४०३ | देवच्छंदए १/२११,२५१,२७२,३२३ दाहिणड्ढभरहकूडे १/३२१ | दीवा २/४१६ | देवच्छंदगा १/४५६ दहा | दूसमा P-195 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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