Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 762
________________ शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. महल्लिय मोयपडिमं पडिवन्न २/३४८ | मही १/५०४ मायाअपडिसंलीण २/३१६ महल्लिया-विमाण-पविभत्ती २/२५३ | महुआसबिय १/२२५ | मायाणिस्सिया १/५१३ महब्वय १/१३२,१४३,२१३,२१९, | महुमेहणी १/५३० मायादंसी २/४६० २२०,२२१,२८१,२९१,३०१-३०४,३१८, महुरा १/५०२| मायानियाण २/३६९ ३१९,४२२,४२७,४३१,४३२,४४६,४७६,४७९; | महेसिय लक्खण २/३० मायापिण्ड १/५७३ २/४८,६१ | महोरगसरीर १/११५ मायामुण्डे २/८ महब्बयधम्म परूवगा २/२२७ | महंती १/२२२| मायामुस २/४४२,४४४,४४५,४४७, महाकुल १/४२२ माइ (ति)ट्ठाण १/४९८,५२७,५५५, ४४८,४७० महागिह १/४२२ | ५६१,६१६,६१८,६१९,६३१,७००,७२० | मायामोसा (ओ) १/१७४,२१४, महाजण्णं १/२१५ | माइबहुला १/१४६ ५३३; २/६७,४१० महाजाण २/४५८ माउग्गाम १/३४५,३४६,३४७,३४८, मायाविओसग्ग २/४०७ महाणई (दी) १/५०४ ३४९,३५०,३९८,३९९,४००,४०१,४०२, | मायाविजय १/१३४; २/२२१ महाणई पारगमण १/५०४ ४०३,४०४,४०५,४०६,४०७,४०८,४०९, मायाविवेग २/३४ महाणिज्जर (1) २/१३१,३८९,४११ ४१०,४११,४१२,४१३,४१४,४१५,४१६, | मायावेयणिज्ज कम्म २/२२१ महानिमित्त २/२१७ ४१७,४१८,४१९,४२०,४२१,४२२; मायासल्ल महापउम २/४०७-४२० मायी १/४३४; २/३६१,३६५ महापज्जवसाण २/१३१,३८९,४११ माउलिंगपाणग १/६४२ मायं २/४४९ महापाडिवा १/६५,७० माण १/८,१०७,१७४,१९१,१९६, | मार १/१६०,४४२ महाबल (राजा) १/२०० २१४,३००; २/२१८,४४९,४७१ | मारणंतिय अहियासणया १/१३५; २/३४ महाभद्दा २/३१६ माण अपडिसंप्लीण २/३१६ मारणंतिय संलेहणा सुत्त २/१०९ महाभूतिय १/१५४,१५५ माणकर २/२३२,२३३ | | मारदंसी २/४६० महामह १/६९,६२९ माणणट्ठ मालाकरण १/४१९ महामुणी १/४३९,२/४७२ | माणणिस्सिया १/५१३ मालोहड आहार १/५६८ महामोहणिज्ज ठाण २/२१२-३१६ माणदंसी २/४६० | मालोहड (दोस) १/५६७,५६८ महारम्भपरिग्गह २/४६७ माणपिण्ड १/५७३ मास १/१७५ महावज्जकिरिया | माणमुण्डे २/८ | मासिय अणुग्घातिय २/३५३ महाविगती १/५४२ | माणविओसग्ग २/४०७ | मासिय उग्घातिय २/३५३ महाविदेह १/३२०; २/२२७ माणविजय १/१३४; २/२२१ | मासिया भिक्खु पडिमा २/३१७-३२३ महावीर (वद्धमाण, कासव, नायपुत्त, माणविवेग २/३४ माहण १/५, १०३,१४९,१५२,१५३, नायसुय, नायमुणी, समण भगवं महावीरे, | माणवेयणिज्ज कम्म २/२२१ १५५,१५७,१६०,१६९,१८१,१८७,१९७, वीर, वीरवर) १/३,४,५,६,७,१३,३८, |माणावादी १/४४५ | २४८,४३४,४७७,५५०,६४७,६६०,६८५, १०६,१३३,१६३,१८८,१९४,१९६,१९७, | माणुस १/६२,३१६ ७०९,७१४,७४०,७४३; २/२३,१३२ २२८,३००,३१२,४३१,४७६,४७९,७४९, माणुस्सग कामभोग २/१७९, माहणाइ लक्खण २/२३ ७५५,२/४७,४९,५४,५५,१९४,१९६,२९९, १८०,१८३,१८८॥ माहुकरी वित्ति १/५३८ ३०८-३११,४०१,४१०,४२१,४३३,४३८, माणुसग्गा कामा २/४६८ | मिउमद्दवसपन्नया १/६० ४५२,४६६,४७२ माणुसत्तं २/४५०,४६८ | मिगचरियावित्ति १/५३८ महासड्ढी १/४५३ | माणुसा २/४३५ | मिच्छत्त १/४३७ महासावज्जकिरिया माणुसा उवसग्गा २/४३५ | मिच्छत्त (दसविध) महासुक्क-सहस्साराणं (देव) कसाताराण दिव) २/६३ मानपिंड (दोस) १/५६५ | मिच्छत्त (भेयप्पभेया) १/१६४ महिन्द (महेन्द्र) माय (माया) १/७,१९१,१९६, | मिच्छत्तनिसेवय १/४७ महिया . १/६९,२८७ २१४; २/२१८ | मिच्छत्तपज्जव । १/६० महिस १/१७५,४५२] मायण्ण १/६१३ | मिच्छत्तपडिक्कमण Jain Education International For PrivP-167.nal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814