Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 763
________________ पृष्ठ नं. मुत्ती मुद्दिय शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. | शब्द मिच्छत्तविसोहि १/१३४ | मुत्ति (धम्म) १/३४,४३९; २/५१ | मेहावी मुणिस्स परक्कम २/४५९-४६१ मिच्छाकार | मुत्तिमग्ग १/४३१ | मेहुण १/१७४,२१४,३१६, मिच्छ (7) दिट्ठी १/१६३,१८०,१९३, | १/१३४ ३३५; २/२९२,४४० १९६; २/४४१ १/१०२,४६४,५०२ | मेहुणधम्म मिच्छादंड १/१७५ मुद्दियाण १/४६४,४७८ ६६०; २/२४३ मिच्छादंडप्पओग १/१७३ मुद्दियापाणग १/६४२ / मेहुणधम्मपरियारण १/६२७ मिच्छ (7) दंसण १/१२७,१४६,१६३,१६४ | मुद्धाभिसित्त (राया) १/४६४,५०२, मेहुण पत्थणाय १/४१२ मिच्छादसणरत्त १/१३१ ६००-६०५ | मेहुणवडिया १/३४५,३४६,३४७, मिच्छादसणसल्ल १/१७४,२१४; २/३६९ | मु(मो)सा १/४७६,५३३; २/२८१ ३४८,३४९,३५०,३९८,४००,४०१,४०२, मिच्छादसणसल्लविवेग १/१३५ मुसावाती (ई) ४०३,४०४,४०५,४०६,४०७,४०८,४०९, मिच्छादसणसल्लवेरमण १/२१४ मुसावाय १/२१४,४७८; | ४१०,४११,४१२,४१३,४१४,४१५,४१६, मिच्छा संठिय भावणा २/४३० २/५५,१४३,२९२,४४० ४१८,४१९,४२० मिच्छोवजीवी १/१७९ मुसावाय विरमण महब्वय | १/२९७ | मेहुणवडिया तिगिच्छाकरण मिज्जाणियाणकरण २/१७७ मुसावाया (ओ) वेरमण १/२१५,२९१, | मेहुणविरमणस्स पंच - मित्त २/४५४ २९२; २/३४ | भावणाओ १/३१६-३१८ मित्तसमाणे २/१२१ मुसाबायाओ १/१७३ | मेहुणवेरमण १/२१५,३१६,३१८; २/३४ मित्तीभाव २/२९० मुहणंतक १/७२९ | मेहुण सेवण संकप्प १/४०५ मिय १/१७६ मुहपोत्तिय १/७१ | मेहुणसंसग्ग मिरिय १/५८४ मुहमंगल १/४३६ मोक्ख १/६१,७३,९९,१००,१०७, मिरियचुण्ण १/५८४ मुहवण्ण २/२२५ | १२५,१३५,१४६,१६६,१९०,१९१,१९३, मिलक्खु १/१८१,४९२ मुहवीणिय १/४६०,४६१ १९४,१९५,२१७; २/२८१ १/५०२ मुहाइणावीणियकरण | मोक्खभाव मीसजाय १/६२७ मुहाजीवी १/६०९,६११ मोक्खमग्ग १/१९४,१९७,३१८ मीसवणस्सइ १/५८६ मुहादाई १/६११ | मोक्खाभिकंखी मीसिया १/३२७ २/२३४ १/४२५ | मोण १/१४४,३३३; मुइ १/१६६ मुंजचिप्पय १/७२८ २/२७,४५०,४५५,४६२ मुए १/५३० मुंजमालिय १/४१९ | मोणचरए २/३०७,३०८ मुक्कपास १/४४५ मूकत्त १/४४५ | मोणपद २/५५,२०० मूढ मुच्छेज्ज १/१०६,१३० | मोणेण कम्मधुणण २/४५० मूढभाव मुट्टिक १/४२५ | मोत्तिय १/४५४ १/१३८,६५४ मुणिसुब्बय १/२४२; २/४५४ | मोय २/३४८ १/३,४ मूलगुण पच्चक्खाण मुणी १/१६१,१६६,१८७,१९४,१९९, २/११५ | मोयगहण २/२६२ २३०,४३३,४३६,४३९,४५५,४८७,५१२, मूलट्ठाण १/४५३ | मोय पडिमा २/३४७,३४८ ५३४,२/३२,४४२,४४३,४४५,४४६,४४८, मूलारिह २/३५२ | मोयसमायार १/६५६ मूंग ४५०,४५५,४५८,४६९,४७० १/१७५ | मोरगं २/३३१ मुणीण लक्खण २/३०,३१ मेत्ति २/४५४ | मोरियपुत्त (गणधर) मुंड १/६२,१३२; २/६१ मेत्तिज्जमाण १/८३ | मोस २/५५,४४२,४४४, मुंडा २/८ मेत्ति भावणा १/१९८; २/४५४ ४४५,४४७,४४९,४७० मुंडे २/४५३ मेयज्ज (गणधर) १/८] मोसली १/७३४ मुत्त १/१८७ मेहा (धा) वी १/१८०,१८३,१८४, | मोसा १/५१२,५१३,५१४,५१५, मुत्तत्त सरूवं २/४५६ १८५,१८६,२३४; २/४५९,४६०५१६,५१७,५१८,५२६,५२७,७४९,७५१ मुत्तावली १/४१९,६५४ मेहावी पुरिसजात २/२४६ | मोसाणबुंधी ___२/४०३ मिहिला मुच्छा Jain Education International For Priya P-168 al Use Only www.jainelibrary.org

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