Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 761
________________ शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. भंग भंडग १/२१५ १/८२ भूतसमवात १/१५४ | मज्जई १/८३ | मणुय २/४७१ भूतोवधा (इ)तिय १/५२६,५२९, मज्जपमाय २/२०६ | मणुयसंसार विओसग्ग २/४०७ ५३१,५३२ मज्जप्पमायविरय २/६७ | मणुयाणजीविय २/२०३ भूय २/३४,३५ मज्जसेवण विवज्जण मणुस्स १/५०,८७ भेउरधम्म १/४४२,७५५ मज्जाइसेवणनिसेह मणुस्सगई १/१७२ भेदमावन्न १/३३७ मज्झचारी १/५३९ मणोविब्भमो १/४२३ भेरवा पाणा २/२७९ मज्झण्ह मट्टिय १/५०३ भेसज्ज १/४४१ मज्झत्थ २/४८ मट्टियापाय १/७०७,७१६ भोगकुल १/५५३ | मज्झिमा २/१५६ मत्त १/६४७ भोगनियट्ठी १/४४६ | मट्टियापाय २/३३३ मत्तग गहण विहाण २/८८ भोगामिस मडाइ णियंठ २/३४,३५ मत्तय १/७३१ भोमालिय २/१२५ मण १/७४९; २/४६९ मतिअन्नाणकिरिया १/१६४ भोयण २/१२७,३१८,३२२, मणअगुत्ती १/७४८ मदणिसेह २/२१९ ३२३,३३८-३४६ मण अपडिसंलीण १/३१६ मद्दव १/१३४; २/२२१ २/१४३ मण असंकिलेस २/२८७ मद्दव धम्म भंगिय १/३९०; २/३३२ मण असंवर १/२१४ मधुमेह १/१६६ भंड मणगुत्तया १/१३४,२१५ ममत्तभाव १/१२९ २/४९,१२९,१३० १/५०५,५५२,७३३ मणगुत्तयाए फल मम्मुदाहर मय (माया) भंडगमाया १/७३०,७३१ मणगुत्ती १/२८१,२८२,४८७,७४८,७५० १/७२ मयणमालिय भंडभारिय | मणचियाए १/५०७ १/४१९ मयप्पगारा भंडय १/७३२ | मणजोग २/२१९ १/१४७ मरण भंडोवगरण १/७३२ मणजोग पडिसलीणया २/३१४ २/१९३-१९९ मरणासंसप्पओग मइसंपया २/२३४-२३६ मणदुष्पणिहाण २/१२९ २/१०९ मरू पक्खंदण २/१९९ मउड १/४१८ मणपओगकिरिया १/१६४ मरूपडण मग्ग १/१०६,१४४,१९४, मणपज्जवणा (ना)ण १/७२० मल १/३५२,३६८,३७४,३७९ १९५,१९७,४८८; २/९६,३८० मणपज्जवणाण अरहा २/२२७ मलणीहरण मग्गत्थ १/३५२,३७९, १/१८३-१८६ मणपज्जवणाण केवली २/२२६ ३८६,३९२,३९९ मग्गफल २/३८० मणपज्जवणाणजिण २/२२६ मलणीहरणस्स अणुमोयणा णिसेह १/३४२ मग्गविदू १/१८३-१८६ मणपज्जवणाण पच्चक्ख १/२० मलणीहरावण १/३६२,३६७,३७४ मग्गओ पडिबद्धा मणपज्जवणाणविणय मलयाणि १/४१७,६८५ मग्गाइ पवेयण २/२२३ मणबलिय १/२२५ मलावरोहण णिसेह २/३२२ मग्गातिकत १/६२३-६२५ मणविणय १/७६,७८ मल्ल १/३८६,३९२,३९९,४२५ मग्गुक १/१९३ मणसमाधा (हा) रणया १/१३४, मल्लि मग्गू १/१९२ १३५,७५१, २/३४ मसूर १/१७५ मग्गंतराय २/१७७ मणसमिया १/७४९ महज्जुई १/८७ मघवा १/१९८ मणसमिइ (ति) १/२८१,४८७ महतलाय २/२९२ मच्छ १/१९२; २/४४६ मणसंकिलेस २/२८७ महत्तरागारेणं २/११०,१२३ मच्छखायाण १/६०२ मणसंजम २/१५ महद्धणमोल्ल १/६८६,७१० मच्छचम्माई वत्थ १/६८६ मणि १/१३८,६५४ महब्भय १/४४२. मच्छरिया २/१३२ मणिकम्म १/४६३ महब्भूया १/१५४,१६१ मच्छंडिय १/४२०,४२५,६०५ मणिपाय १/७१० महल्लिय (1) मोय पडिमा २/३१७, मज्ज १/१९१ | मणुण्ण पोग्गल १/४०९ ३४७,३४८ १/२० P-166 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814