Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan
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| भावतेण
भद्दा
पृष्ठ नं. | शब्द
पृष्ठ नं. | शब्द | शब्द
पृष्ठ में भत्तपच्चक्खाण १/१३४,१३५;
१/३०५ ४४४,४४६,४४८,४४९,४५०,४५१,४५६,४५८२/१२०,२९७,२९८,२९९ / भावपडिक्कमण
२/९७ | ४६९,४७६,४७७,४७८,४८०-४८५,४९१भत्तपच्चक्खाणमरण भावप्पमाण
५१२,५२०,५३२,५३५,५३७,५३९,५४०, भत्तपडियाइक्खिय २/८५ | भावलोअ
१/१७
| ५४१,५४४-५५२,७४८;२/२३,२४,१४९, भत्तपाण
१/९१,५४३; २/४९ | भाववि (ओ) (उ) सग्ग २/४०६,४०८ १९७,२६६-२७०,२७२,२७४,२७८,२७९, भत्तपाण असंकिलेस २/२८७ भावविसोहि
२/२९० २८०,२८१-२८६,२८९-२९२,२९३,२९५, भत्तपाण दव्योमोयरिया २/३०२,३०३ | भावसच्च
१/३४,१३४,१३५, | २९९,३००,३०१,३०५,३२७,३२८,३३०,३३१भत्तपाण परिण्णा १/११७
५१३; २/३४ ३३७,३४६,३६२,३६९-३७५,३७८-३८०, भत्तपाणवोच्छेय २/१२५ | भावसुद्ध
२/११५ ३८२-३८४,३८६-३८८,३९०,३९२,३९४,३९५, भत्तपाणसंकिलेस २/२८७ भावसंधय
१/५६ | ३९८,४०१,४०९,४२२-४३०,४३२,४३४, १/२२२; २/३१६ भावावस्सय
२/९२,९६ ४३७,४३८,४४१,४४९,४५२,४५८,४६८ भद्दुत्तर पडिमा २/३१६ भावाविग्गहचरए
२/३०५ भिक्खु (खू) णी १/२३०,२३४,२३६, भय १/२९९,२/३५१,४३६,४७१ भावोमोयरिया
२/३०२,३०४ २३९,२४१,२४६,३४२,४४८,४४९,४५०, भयक
१/४३२ भासा १/१४३,५१२-५३५; २/१३७४५१,४९१,५०९,५२०,५३२,५३८,५४७,५५०, भयट्ठाण २/३२६ भासज्जाता (या) १/५१२,५१३
५५१,२/३३१-३३३,३३६ भयणिस्सिया १/५१३ भासादुग
भिगुपक्खन्दण
२/१९९ भयणिसेह २/३२२ भासाबोह १/५१८ | भिगुपडण
२/१९९ भयविवेग १/२९७ भासाविही १/५२१-५२४| | भिण्ण
२/३५० भयंसि | भासासमिई (त्ति) १/२१५,२१६, भिण्णगिह
१/४२२ भरह १/२८,१९८ ४८७,५१२| भिण्णपिंडवाइए
२/३०९ भरहवास १/१९८ | भासासमिया १/७५० भिण्णसाल
१/४२२ भल्लायय १/४१०,४११ | भिउडिमुह
१/९१ | भिन्नवत्थ भवकोडीसंचियकम्म २/२९३ | भिक्खट्ठा १/४९७ | भिन्न-भिन्न वत्थ
१/६९५ भवचरिम पच्चक्खाण सुत्त २/११२ | भिक्खवित्ती
१/५३९ | भिलिंग सूव
१/५४७ भवणगिह १/६६०,६६१ भिक्खलाभिए
२/३०७ | भिंगुलेण
१/२८७ भवणवासी (देव)
भिक्खागकुल २/१९० | भिंडमालिय
१/४१९ भवतण्हा
१/४३९ | भिक्खाय (च)रिय (1) १/६४,१३८,१३९, | भिसिय (7) १/६४७,७३१,७३२ भवमिच्छत्त १/१२७ | १४१,२८२,५०३;२/२९३,३०५-३०९,४३६ | भुज्जयरा
१/१३८ भवियसरीर दवावस्सय | भिक्खायरिया गमण जोग्ग खेत्त २/७८ | भुत्तभोगसुमरण णिसेह
१/३३० भाइसमाणे २/१२१ भिक्खालसिय
१/९० भुत्तासियाणि
१/३२६ भाडी कम्म
२/१२८ भिक्खुअणायरणीय ठाणाइ २/२००-२०२ भुमगरोम परिकम्म १/३५५,३८४, भायण-भंडोवहि उवगरण १/७२९,७३० | भिक्खुचरिया
२/४३९
३९०,३९७ भारण्ड-पक्खी २/२०५ | भिक्खु पडिमा
२/३१७-३२६ | भुमगरोमपरिकम्म कारावण भारपच्चोरुहणया १/७४,७५,७६ भिक्खु परक्कम
२/४५८
३७२,३७८ भारवहा
भिक्खु लक्षण
२/२६ | भुयंग भारहवास २/२२६ | भिक्खू १/१००,१०१,१०५,१०७,१०८, भुसगिह
१/४२२ भाव १/१८,८९; २/४६९/१३७,१४१,१७९,१८६,१८७,१८८,१९१, भुससाल
१/४२२ भावऽण्णाण १/१६४ | १९२,१९४,१९६,१९७,२१८,२३०,२३४,२३६, भूइकम्प
२/१७६,१७७ भावणा १/२१९,२२०,२२१,२८१, २३८,२३९,२४१,२४६,२५२,२५३,२५४, भूइकम्मकरण
२/२२२ २८२,२८३,२९१,२९२,२९७,३०२,३०३, | २५८,२५९,२६०,२६१,२६२,२६३,२७३-२८०, | भूइप्पमाण
१/४८०,४८४ ३०४,३०९,३१६,३१७,३१८,४२२,४२३, | २९५,२९६,३२२,३२५,३२८,३३५,३३९, भूत
१/१९२,१९८ ४२८,४२९,४३०,४३१,४७०-४७५,२/५२ ३४२-३६७,३७९-४३०,४३४,४४१,४४३, भूतमह
१/६९
१/३३८
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