Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 753
________________ १/४७७ १/५६ १/७ शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. शब्द पृष्ठ नं. नाणासीला | नियम १/१४३ निसीहिया २/६८,६९ नाम १/१४७; २/१२०,४१९ | नियल-बंधण १/१७६ निसीहिया परीसह २/४२१,४२८ नामावस्सय २/९२ | नियाग १/१४४ निस्संकिय १/१२५ नायपुत्तवयण २/२६ नियागपडिवण्ण १/१८७ निस्सिंचिय १/५७७ नालिय १/८४ नियाणछिन्न नीयागोया १/११ नासावहार | नियावट्ठी १/१८१ नीलमिगाइगाणि १/४१७,६८६ नासावीणिय १/४६०,४६१ नियावाई १/१६८ नीलवन्तपवहा १/१०९ नाहियदिट्ठी १/१७१ निरवज्जजोगपडिसेवण २/१२८ नीहारिम २/२९६,२९७ नाहियपण्ण १/१७१ | निरतियार १/२६ नेगम (नय) १/२६,२७,२८,२९ नाहियवाई १/१७१ निरय १/१५२,१५४ नेमि निक्कंखिय १/१२५ निरवसेस २/११६ नेरइय १/४६,४९,१०४,१७८, निक्खित्तचरए २/३०५,३०८ | निरालंबणता १/८७ १७९; २/४१०,४११,४१२ निक्खित्त-उक्खित्तचरए २/३०६ | | निरासव १/१४४; २/२९३ नेसज्जिए २/३१० निगामसाई निरूद्धपण्णा १/१७३ नेहपास १/४४५ निग्गंथ पावयण १/१३२; २/१७७,१८०, निरूद्ध परियाय २/२३९ नेहाणुबंधण २/४७२ १८२,१८३,१८८ | निरूद्धासवे २/११८ नोआगतो (ओ)निच्चभत्तिय २/७९ निल्लंछणकम्म २/१२८ दवावस्सय २/८०,९३,९४,९५ निच्चरोसी १/३०५ निविट्ठकाइय कप्पट्ठिई नोआगमतो (ओ) भावावस्सय २/९६ निज्जर १/१७१,२०८ | निवाघाइम २/२९७ नोइन्दिय पच्चक्ख १/२० निज्जरणया निव्वाण १/४५६ नंदण (नन्दन वन) १/८७,१८७,१९४,२२१ निज्जरा नंदणवण १/१२५,१९०; २/१३३ | निव्वाग मग्ग १/१९७ निज्जरापेही २/४३१ | निव्वाविय १/५७७ १/२२२ निज्जावय २/३६४ | निविगइ नंदीचुण्णग २/४९ १/३३८ नंदीसर दीव निज्जूहियब २/९० | निविगइया पच्चक्खाण सुत्त २/४१३ २/११२ पइण्ण तव निण्णय २/२९५ १/१२३ | निवितिगिच्छा १/१२५ पउमप्पह (सुप्पभ) निण्हव २/२००|निम्वियार १/३ १/७५२ पउमवरपोंडरीय नितिय १/१८२-१८९ | निविसमाण-कप्पट्टिई पउमोवमा नितियपिंड १/५९८ | निविसमाणय १/२६ पएसदिट्ठन्त १/२६,२९,३१ नितियवास १/६७० निब्बीइय २/३०९ पओगकाल २/४४४,४४५,४८७, निदा (या)ण १७७,१७८,१८०,१८१, निव्वुई १/२२१ १८२,१८३,१८५,१८६,१८८,१९०,१९२ | निव्वेजणी २/३९७ पओगकिरिया १/१६४ १/१०५ | निव्वेय १/१३३,१३५ पओस (काल) १/६४,६५ निद्दपमाय २/२०६ | निब्वेयदसा १/१३८ पओ (दो)सा निन्दणया १/१३३,१३५ | निसग्ग २/१२४ पओगसंपया २/२३४,२३६ निष्फाव १/१७५ | निसग्ग (रूइ) १/१२५ पकामभोई १/६२४ निब्बलासय १/३३३ | |निसज्ज-कहा १/५७२ पक्कुब्वय निमित्त १/१४४,१७३ | निसम्मभासी १/५२१ पक्कमालव १/५२२ निमित्त वागरण २/२२४ | निसल्ल २/७३,७४,२९२ पक्खपिंड १/८४ निमित्तमि २/१७६ निसह (निषध पर्वत) पगइउवसंतया १/६० निम्मलयर १/२२३ | निसिज्जा २/५४ | पगतिभद्दया १/६० नियडी १/९० निसिज्जाकरण १/४०७,४०८ |पगतिपयणुकोह-माण-माया-लोभ १/६० नियतीभाव १/१६१ | निसिज्जियाए २/३१२ पच्चक्ख १/२० नंदा निद्द P-158 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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