Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 751
________________ शब्द पृष्ठ नं. दुगुंछा २/४७१ देवआसायणा दुगुञ्छावत्तिय १/१९० देवउत्त दुगुयकुल १/६७१,७०३ २/३९३ देवकामा दुग्ग १/४६२ देवकिब्बिस दुग्गइनिह दुई दुग्गम- सुगम ठाणाइ दुग्गय दुचिणा कम्मा पारंचिय दुट्टुपडिच्छिय दुतितिक् दुच्चक्खाणी दुपच्चक्खाय दुपय-चउप्पय- पमाणाइक्कम दुपस्स दुब्बल दुभिक्खं दुम्मुह दुरणुचर दुल्लभबोहिय दुल्लहबोही दुल्लहोधम्म दुवयण दुवालसावत्तण दुवालसंग दुवालसंग गणिपिडग दुब्बाई दुव्विभज्ज दुहओलोग पडिवा दुहसेज्जा दूइपिण्ड २/११६ २ / ११६ देविन्दपरियाणिया २ / १२७ देविंदरोगह २/ २२८ देवी दुप्पउलिओसहिभक्खणया २/ १२७ देवी आसायणा दुपडियार १/५० दुबद्धथुणाइ ठाणाई करण पायच्छित १/२५४ दूस देव २/४४ देवकुरु २/१९८ देवग २/२२८ १ / ११३ १ / ११८,१७२ २/ ३७८ १/९८ २ / २२८ Jain Education International दुस्समा दुम्सील १/८९.११९.१७२.२०१२/६७ दुस्सीसा दुओ बिद्धा दुहओलोगपडिणीय शब्द १/१२९, १३० १/४४ १/५२० २/१०० २/१५६,४८८ २/ ३९८ १/९० २/२२८ १/१४५ १/९० २/६ १/८९ २/६ देवदंसण देवसण्णत्ती २/६० सणाम २/७६ देसपएस १/१९९ | देसमूलगुण पच्चक्खाण २/२२८ देमराग १/१७९ २/४० 8/4103 १/१३८ देवसिय परिक्रमण समावारी देवसिय समायारी देवसी पडिकमण देवसंसार बिओसग्ग देविल देसकह देसच्चाई देसविराहय देसाराहय देसावगासिय देसुत्तरगुणपच्चवखाण देह दोग्गइ दोच्चा सत्तराइन्दिया - भिक्खु पडिमा दो-मासिया भिक्खुपडिमा दोरज्ज दोस दोसणिस्सिया दोससी दोसनिग्धायणाविणय दोससंकिणो १/४६,८७,९२,१०४,१३०, दोसियसाला दंड १४२,१६८,१९१.३२२ पृष्ठ नं. शब्द १/९७ दंडपह १/१५९ २/४६७,४६८ २ / १७६, ४०९ १/२८ १ / १७२ २/४९८ १/७५० २/८ २/७३ २ / ६९ २ / ९९ २/४०७ २/४४० २/ २५३ १/७२ १ / १९१ १/९७ १/११३,११४ १/८७ १ / १६४ १ / २९ २ / ११५ १ / ४१७, ६८६ २/१५१ २/१५१ १/५०१ १/१२६.१४६,१७४, १९१,२१४ २ / ४६४ १ / ५१३ २/ ११६.१२४,१३१. १३४,१३५ २ / ११५ १ / १७३ दंसणपुरिस १/१०४ दंसणवलिय २ / ४६० १ / ७३ ७४ दंडसमादाण दंडाइ (णि) दंडाइय दंडातिए दंडामणियाए १ / ३३६ १ / ६३७, ६३८ १/४३५ P-156 For Private & Personal Use Only २/३११ दंत २/ ३१२ १/८२, १८७ १/४६३ दंतपरिकम्म १/३५४, ३८३, १८९,३९५ दंतपरिकम्म कारावण १/३६५,३७१, ३७७ दंतकम्म दंतपाय १/७१० दंतमल दंतमालिय दंतवाणिज्ज दंतवीणिय दंसण दंसण अइक्कम दंसण अइयार दंसण अणायार दंसण असच्चा दंसणगुणप्पमाण २ / ३१७,३२५ २/३१७,३२३ दंसणमावरण दंसणमूढा दंसणमोह दंसणट्टया दंसणपडिणीय दंसणपण्णवणा १/३५१,३५९,३६२,३६८, ३७४, ३७९,३८६,३९२, ३९९ १/४१९ २ / १२८ १/४६०, ४६१ १/१७,४८,५३,६२,१२५. १२६,१२७,१९५ २/९८ २/९८ २/९८ १/२०१ दंसण परमह दंसण पायच्छित दंसणबुद्धा दंसणबोधी पृष्ठ नं. २/६५ १/४४० १/२७७ २/ ३२५ दंसण- लक्खन दंसणलोग (ओ) दंसणवंइक्कम दंसणविणय दंसणविराहणा दंसणविसोहि दंसणसच्चा १/२०,२५ २/७७,३६१ १/८९,२६३ १/३३ २/४२१,४३२ २/३५२ २/२२७ १/२२५ १/५३ १/५५ २/४६५ १/५६ १/५५ १/१२५ १/१७ २ / ९८.९९ १/७६. २/१५७ १/१२,२/२०७ १/२०१ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814