Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan
View full book text
________________
पृष्ठ नं.
अंब
२/३२
शब्द पृष्ठ नं. शब्द
पृष्ठ नं. | शब्द असंविभागी १/८७,९१,२/२०३ | अंतउरपवेसकारण
२/२५७ | आगास महाभूत
१/१५४ असंवुड (1) १/१६२,२/४३,६४ | अंतेवासिस्सप्पगारा
२/२३१ | आगंतार
१/६४६,४०८,४२१ असंवुड अणगार १/२१६ | अंतोसल्लमरण २/१९३,१९९ | आजीविओवासग
२/१४५ असंसट्ठचरए २/३०६
२/४६७ | आजीविय
२/१२९,१४५ अस्साओ १/२२३ अंबखुज्ज
२/३२५ आजीवियतवप्पगारा अहक्खाय २/१२ अंबखुज्जियाए २/३१२ | आजीवियपिण्ड
१/५७३ अहक्खायचरित्त १/७५४ आइक्खग
१/४२५ | आणमणी
१/५१६,५१७ अहक्खायचरित्तगुणप्पमाण १/२६ आइक्खित्तए
२/६० आणय-पाणय-आरण-अच्चुय (देव) २/६३ अहक्खायचरित्त संजय
| आइण १/४०९ आणवणप्पओग
२/१३१ अहस्सिर १/८२ आइण्णसंखडी
१/६२८ आणा २/२२८,२२९,४५१,४५९,४६० अहाकड १/५६० आईणगाणि
१/६८५ आणाधम्म
१/३२ अहाछन्द १/१४४,२/२२५ | आउकम्मसमारंभ १/२३४,२३५,२३६ | | आणापाणुनिरोह
१/१४७ अहाछन्दविहारपडिमा २/२८५ आउकाइयआरंभ १/२८४ | आणरूइ
१/१२६ अहालहुसग १/६७५ आउकाइय जीव २/१०,११ आणावायमसंलोय
१/७३७ अहालंद १/५५६,६१४,६४७,६६७,६७३ आउकाइय संजम
२/१५ आणाविजय
२/४०३ अहिगरण २/५०,९०,२७८,२९०,२९१ आउकाइया
१/२२८ | आणाणुसरणं उवएसो
२/४५१ अहिगरणी २/१२९ आउकाय अणारंभ ठाणा
|आणंद
२/४५६ अहितकारगा ठाणा २/२८७ | आउक्काय
१/४६,२३४ आतव अहियगारिणी १/५३३ | आउजीवा १/२२९ आत(य) वेयावच्च
२/३८५ अहियग्गी १/१०३ आउट्टि १/४८९ आतसरीरसंवेगणी
२/३९७ अहियप्पा १/१८२ आउडठाण
१/७४७ आता (या)
१/१५०,१५१ अहिंस २/४८ आउत्त १/४९० आतावए
२/३११ अहिंसा १/२१५,२१९,२२१,२२३,२२४ आउय १/१४७,२/१२०,३९६,४१९ | | आता (या)वण
१/७१७ अहिंसा ठाण
२/५४ आउयकम्म १/२१६,५६२,६१०
१/६२५,७५५ अहिंसा महाव्रत १/२१८,२९० आउर
२/३५१ आतं (यं) कदंसी १/२२७,२/४५४ अहिंसा सरूवरूवगा पालगा १/२२४ आउंटण पसारेणं
२/१११ आदाणगुत्त
१/१७१ अहिंसाए सट्ठी नामाई १/२१० आऊ १/१६२,२२९,२४९ | आदीणभोई
१/४७६ अहुणाधोय १/६४५,६४६ आऊ महाभूत
१/१५४ आधाकम्मिय अहदिसिपमाणाइक्कम २/१२७ आएसण
१/६६०,६६१ आपुच्छणा अहोदिसिवय २/१२७ आकारकरण
१/४१०|आभिंतर तप
२/२९३,३५० अहोराइयाभिक्खुपडिमा २/३१७,३२५ आकंपइत्ता
२/३६१ आभरणचित्ताणि
१/४१८ अहोलोय
१/२८ आकुंचण पट्टग
१/६९४ आभरणविचित्ताणि १/४१८,६८६ अंकेसाइणी २/४२७ आगइ १/१७१ आभरणाणि
१/६८६ अंग-मगह २/२५६ आगम १/२०,२५,२/२२८,२२९ | आभिओग
२/१७६ २/४६४ | आगमणगिह १/६४८ आभिओगत्ता
२/१७७ अंडसुहुम
आगमतो (ओ) दवावस्सय २/९२,९३ | आभिणिबोहियणाण १/५७,५८,५९,६० अंतकुल २/१९० आगमतो (ओ) भावावस्सय
आभिणिबोहियणाणविणय १/७६ अंतचरए
२/३०८ आगाढ फरूसवयण
२/२२२ आभिणिबोहियनाणावरणिज्ज कम्म १/५८ अंतजीवी
२/३१० आगारधम्म १/३२|आमगंध
१/५४६ अंतरगिहे णिसेज्जाओ अपवाओ २/६० | आगारसामाइय
आमलग
१/१०२ अंतराय २/४६५ | आगासगामिणो १/१६७ आमलगपाणग
१/६४२ अंताहार २/३०९ आगासपएस
१/२९,३०,३१ आमिस भोगगिद्ध
आतंक
Jain Education International
P-138 For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814