Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 736
________________ शब्द पृष्ठ नं. शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. ईहोपोहमग्गण गवसण १/६० | उच्छोलण २/६६ | उदगपसूय १/६६८ उक्कलियंड १/२८७ | उज्जाण १/४२१,५२३,५३२ उदगपोक्खल १/१५६ उक्कस २/४८ उज्जाणगिह १/४२१ उदगबुब्बुय १/१५६ उक्कसावेइ १/५१० | उज्जाणसाल १/४२१|| उदरि १/१६६,५३० उक्कावात १/६८ | उज्जालिय १/५७७ उदय (ग) १/१६७,२६७,७०१,५०३ उक्तित्तण २/९७ | उज्जुए १/२८७ | उदयकम्म १/२३५ उक्कडय २/३११,३३२ | उज्जुट्ठिी १/२०२ उदयचर १/१६७ उक्कडयासणिए २/३१०,३११,३१२ | उज्जुदंसणा १/२०२ उदयसत्थ १/२३४,२३५,२३६ उक्कोसिया २/१५६,१५७ | उज्जुपन्न १/११८ उदिट्ठ भत्त २/१३७ उक्खित्तचरए २/३०५,३०८ | उज्जुभाव २/२२१,३६९ उद्दिट्ठभत्तपरिण्णाय २/१३४ उक्खित्त-निक्खित्तचरए २/३०६ | उज्जुमई १/२२४ | उदीण १/१३८,१४९,५५९,२/४,३०२ उक्खित्तविवेगेणं २/१११,११२ उज्जसुय (नय) १/२७,२८,२९ | | उदीणा १/१२२,१२९ उग्गकुल १/५७३ | उज्जुसुय २/९३ उद्दसंड १/२८७ उग्गतव २/२९४ | उज्जुहियाठाण उद्दाणि १/४१७,६८६ उग्गमविसोही २/२०७ | उज्जू १/११८ उद्दायण १/१९९ उग्गमोवघात २/२०६ | उट्ट १/१९२ उद्देसिय १/१४४,५६३,६८४,७३९ उग्गयवित्ती १/४८१,४८२ | उट्टिय १/७२८ | उद्देसियाइ आहार १/६०६ उग्गह १/४७८,६७२,६७३, | उट्ठच्छिण्ण १/५३० उन्नय १/२०१ ६७४,६७५,६७८,६७९,६८३,६८४ | उट्ठवीणिय १/४६०,४६१ | उन्नयदिट्ठी १/२०१ उग्गहमण्णुवणया १/३०९ उट्ठाण सुय २/२५३ | उन्नयदंसणा १/२०१ उग्गह समिति १/३१० | उड्ढदिसिवय २/१२७ उपकारकारगा १/१२१ उग्गहसीमजाणणया | उड्ढदिसिपमाणाइक्कम २/१२७ उप्पण्णमिस्सिया १/५१४ उग्गहणसीलय १/३०३ उड्ढलोय १/२७ उप्पण्णविगायमिस्सिया १/५१४ उग्गहाणंतग १/६९७ उड्ढा १/१२२,१२९ उप्पलाइ १/५८५ उग्गालगिलण १/४८५ उण्णकपास १/४२१,७०५ उप्पाइय १/१७३ उग्घोसजायणा १/७०४ उत्तरकुरू १/२८ उप्पायणा दोस १/५७२ उच्चागोय १/१२,४४५ उत्तरगुण पच्चक्खाण २/११५ | उप्पायणविसोही २/२०७ उच्चार १/५५४,६६२,७३७,७३८,७४०, उत्तरण १/५०४ | उप्पायणोवघात २/२०७ ७४१,७४२,७४३,७४४,७४७,४२१:२/८६ उत्तरित्तय १/५०४ | उबद्धिय १/५१० उच्चार पडिक्कमण उत्तरविही १/१०७ | उभिय १/२२९ उच्चार-पासवण २/३२४,३२६ उत्तरा १/१८६ उभिण्ण आहार १/५६७ उच्चार-पासवण-खेल-सिंघाण उत्तरोट्ठरोम १/३७० उभिण्ण (दोस) १/५६७ जल्ल परिठ्ठावणासमिई (ति) १/४८७,७७० | उत्तरोट्ठरोम परिकम्म १/३५४,३८२, | उब्भियलोण १/४८४ उच्चार पासवण भूमि - ३८८,३९५ | उब्भिया १/२४४,२४७ पडिलेहण १/७३८,२/८९ | उत्तरो? रोम - उम्मग्ग १/१९५,१९६,७०१ उच्चारमत्तय २/८८ | परिकम्मकारावण १/३६५,३७०,३७६ उम्मग्ग गमण १/४९१,४९३ १/५९०,५९२ उत्तार १/१४२ | उम्मग्गदेसण २/१७७ उच्छुखंडिय १/५९१,५९२,५९७ उत्तासणियाए २/३१२ | उम्माय १/३२७,३२८,३२९,३३०, उच्छुचोयग १/५९१,५९२,५९७ उत्तिंग १/२८५ ३३१,३३२,२/३२६ उच्छुडगल १/५९१,५९२,५९७ उत्तिंगलेण १/२८७ उम्माय ठाणाई २/२०२ उच्छुमेरग १/५८५,५९१,५९२,५९७ उदउल्ल १/२३४,५०८,५०९ उम्मायपत्त २/३७९ उच्छुसालग १/५९१,५९२,५९७ उदउल्ल काय २/८३ | उम्मिस्स दोस १/५८२ P-141 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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