Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan
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०५
२३६७
ईहा
८११
शब्द पृष्ठ नं. | शब्द
पृष्ठ नं. इंदियपज्जत्ती ६३१,१७०३,१७०४ | उच्चागोयकम्मसरीरप्पओगबंध
२५७५ इंदियपज्जत्तीपज्जत्त
| उच्चार
१४३,२१६ इंदियपरिणाम
११९,१२१,१२२,१२४ | उच्चार-पासवण-खेल-जल्ल-सिंघाण-परिट्ठावणिया-असमिई इंदियलद्धी
६५७,९६९ | (अधम्मत्थिकायपज्जव) इंदियविसयपोग्गलपरिणाम
२४९७ उच्चार-पासवण-खेल-जल्ल-सिंघाण-परिट्ठावणिया-समिई इंदियोवचय
(धम्मत्थिकायनाम)
३८
उच्चार-पासवण-खेल-जल्ल-सिंघाण-परिट्ठावणिया-समिय ईरिया-असमिई (अधम्मत्थिकायनाम)
(समियभेद) ईसाण (देविंदनाम)
१९११ | उच्छन्न (मुसावायपज्जवणाम) ईसिपब्भारापुढवि १८,४८१,२४३१ उज्जाण
१३०,२८२ ईसीपब्भारा
उज्जाणगिह ६६८,८१४,८१५,९४०,२३०२,२४३० उज्जुग (सूत्रभेद) ईहा (आभिणिबोहियनाणपज्जव)
उज्जुदिट्ठी
१८०३ ईहामई (मतिभेद)
उज्जुपण्ण
१८०३ | उज्जुपरक्कम
१८०४ उक्करियाभेय ७२७,७२८ | उज्जुमई (मणपज्जवनाणभेद)
९२५,९७४,९७५ उक्करियाभेयपरिणाम
१२७ उज्जुमण
१८०२ उक्कापाय (पावसुय)
उज्जुयायतासेढी २१२५,२१२९,२१३१,२१३४,२१३५ उक्कामुह (अंतरदीवय) २१७ उज्जुरूव
१८३७ उक्कालिय (आवस्सगवइरित्तसुय) ८७९,८८० उज्जुववहार
१८०४ उक्कालिय (अंगबाह्यसुयभेद)
उज्जुसीलाचार
१८०३ उक्कित्तणाणुपुब्बी १००१ उज्जुसुय (नयभेद)
१०८० उक्कूल (मुसावायपज्जवणाम) १३६९ उज्जुसंकप्प
१८०३ उक्कोस (मोहणिज्जकम्मणाम)
१४८५ उज्जू
१८०२,१८०३,१८३६,१८३७,१८४६ उक्कोस २४२९ उज्जूपरिणय
१८३६ उक्कोसठिईय १०१,१०२,१०४,११६ उज्जोय
१४,२८४,२८५ उक्कोसपय १८,२१ उज्जोय (पोग्गलपज्जव)
२५५४ उक्कोसोगाहणग (य) ६२,६३,६८,७६,८१,९७,९९,१००,११५ उज्जोयणाम (कम्म)
१५००,१६२८ उक्कोसोगाहणा
उज्झर
२८२ उक्कोसोहिणाणी ८०,८५ उट्ठाण
१४१,२३७ उक्कंचणया (तिरिक्खजोणियाउबंधहेऊ)
१५८५ उडु उक्खित्तचरग १३१६ उड्ढदिसा
३१.१४२ उक्खित्तणिक्खित्तचरग
| उड्ढलोय ३१,१६८,३१९,३२०,३२२,३२४-३२७,६९१,६९४ उक्खित्तय (गीतप्रकार)
९९६ | उड्ढलोय-तिरियलोय ३१९,३२०,३२२,३२४-३२७,६९१-६९४ उग्ग (कुलारिय) २२० उड्ढोववन्नग/वण्णग
१५३६,१९१८ उग्ग (मज्झिमपुरिसपगार)
१७७४ उड्ढंगारवपरिणाम (आउपरिणामभेय) उग्गह ६६६,८१४,९४०,२३०२,२३०३,२४३०
उण्णय
१८०१,१८०२,१८३४,१८३५ उग्गह (मइअण्णाणभेय)
उण्णय (मोहणिज्जकम्मणाम)
१४८५ उग्गहमई (मतिभेद)
उण्णयदिट्ठी
१८०१ उच्च १८०४ उण्णयपण्ण
१८०१ उच्चछंद १८०४ उण्णयपरक्कम
१८०२ उच्चत्त २२०१ उण्णयपरिणय
१८३५ उच्चत्तभय १८८१ उण्णयमण
१८०१ उच्चयबंध २५५७ उण्णयरूव
१८३५ उच्चागोय
उण्णयववहार
१८०२ उच्चागोय (कम्म) १५०३,१६३१,१६४२,१६४७| उण्णयसीलाचार
१८०२
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