Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 656
________________ ७११ ९०० ८१० ८२५ शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. ठवणाय १०७१ णलिणंग ठवणासच्चा (पज्जत्तियासच्चाभासा) णसंतिपरलोगवाई (अकिरियावाईभेद) १३४० ठवणासमोयार १०६४ | णाण ३,६६,६७,७३,७५,७७-८३,८६,१६७, ठवणासुय (निक्खेवविवक्खया) १०८९,१५२५,२५८५ ठवणोवक्कम ९९८ | णाणअसंकिलेस (असंकिलेसपगार) १६८९ ठाणमग्गण |णाणणिवत्ती ठाणाईया १३१७ णाणदंसण १८२९ ठिइठाण २७१,२७७ |णाणपरिणाम ११९-१२३ ५३,५७-११५,११६,११७,३८७-४७३, | णाणपुरिस (पुरिसपगार) १७७४ १६१६-१६३२,१७५६,२२१०,२३४६ णाणबल २६०५ ठिईअप्पाबहुय १५४७ णाणभाव ठिईउदीरणोवक्कम णाणसंकिलेस (संकिलेसपगार) १६८९ ठिईउवसामणोवक्कम १५४७ णाणाया (नाणाया) २३०१,२३०४,२३०५ ठिईकम्म १४८० णाणायार ठिईचरिम णाणारिय २३४६ २१९,२२१ ठिईणिगाइय णाणावरणिज्ज (कम्म) १२०१,१४९४,१४९७,१५२०,१५२५, १५४७ ठिईणिहत १५२६,१५३२,१५३६,१५४८,१५५०,१५५२,१५५४,१५५६, १५४७ ठिईनामनिहत्ताउय (आउयबंधपगार) १५५८,१५६२,१५६३,१५७०,१५७२,१५७८,१६३२,१६३३, १५९०,१५९३ ठिईपरिणाम (आउपरिणामभेय) १६३४,१६३७,१६३८,१६३९,१६४१,१६४३,१६५०,१६५२, १५९० ठिईबंध - १७४९,१७५०,१७५९ १५४६ णाणी ठिईबंधणपरिणाम (आउपरिणामभेय) १४७,२७६,३६१,५२०,१३४२,१६३४,२३५१ १५९० णाम (कम्म) १२७१,१४८२,१४९४,१५२७,१५५२, ठिईबंधणोवक्कम १५४६ १५६५,१५७०,१५७२,१६५०,२३३७,२३४२ ठिईविप्परिणामणोवक्कम १५४७ णामपुरिस (पुरिसपगार) १७७४ ठिईसंकम १५४७ णामसच्चा (पज्जत्तियासच्चाभासा) ठियकप्प १०९३,११२३,११२४ णामज्झयण १०६७ ठियलेस्सा १४१९ | णामज्झीण १०६९ णामप्पमाण १०४६ णउ १२९ णामसमोयार १०६४ णउअंग १२९ णाय णगर १३० | णाय (कुलारिय) २२० णगरणिद्धमण | णाय (दिटुंत) ९९४ णग्गोहपरिमंडल (संठाण) ६००,६६४ |णारायसंघयणणाम (कम्म) १५०१,१६२४ णग्गोहपरिमंडलसंठाणणाम (कम्म) १५०२ |णावागई ७६८,७६९ गट्टाणीय १९५८ | णिओद ३०७,४०७ णस्थिभाव णिओयजीव १९८ णत्थित्तंअत्थि (निषेधसाधकविधिहेतुप्रकार) ९९२ |णिक्टू १८२१ णत्थित्तंणत्थि (निषेधसाधकनिषेधहेतुप्रकार) ९९२ णिक्कट्टप्पा १८२१ णदी १३० णिक्कलुण/निक्कलुण (पाणवहसरूव) १३५२,१३६७ णपुंसग २०४,२०८,२१०,२१३,२१५,३८९ णिक्खित्तचरग १३१६ णपुंसगणिव्वत्तिय (पोग्गल) १५१० णिक्खेव (अणुओगद्दार) ९९८,१०६७,१०७९ णपुंसगलिंगसिद्ध ९२९ णिगम १३० णपुंसगवेय १४९९,१५०५,१६२०,१६३५,१६३६ णिगाइय १५४७ णपुंसगवेयग १२२,१२४ णिगामपडिसेवण २११७ णमोक्कारपुण्ण २६०२ णिगोद १९९,२००,४०७ णय (अणुओगद्दार) ९९८,१०८० णिगोदजीव २०१ णयगई ७६८,७६९ णिगोय णलिण १२९ |णिग्गंथ १४२ P-61 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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