Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 689
________________ ८११ शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. सणंकुमार (चक्कवट्टी) १३२२ सभासग १५७ सणंकुमार (देविंदणाम) १९११ | सभिन्न (सूत्रभेद) ८७१ सण्णक्खर (अक्षरश्रुतभेद) ८२० | सम (आगासस्थिकायनाम) सण्णा १४२,३८०,२२०१,२२०४,२२२९,२२४०, |सम (गीतगुण) १०३६ २२४६,२२५५ | सम (छंदप्रकार) १०३७ सण्णा (आभिणिबोहियनाणपज्जव) समचउरंस ६००,६६४,२२१३,२२२९,२२५५ सण्णाकरण ३८१ | समचउरंससंठाण २६०० सण्णिकाय १२८० समचउरंससंठाण (कम्म) १५०२,१५०६ सण्णिपंचिंदियतिरिक्खजोणिय २२०२,२२१२,२२२८,२२२९, | समचउरंससंठाणनिव्वत्ती ६०२ २२३५,२२४९-२२५१,२२६६,२२७९,२२८५-२२८७,२२९२,२२९३, समजोगी सण्णिभूय २६४,११७७,१६७१ समण २,४,१५४,१२०५,१२०६,१२८१,१३०३,१३०९, सण्णिमणुस्स २२२१,२२२२,२२२५,२२२६,२२३३,२२३४, १३१२,१३१३,१५८५,१५८८,१५८९ २२३७,२२३८,२२५२,२२५३,२२७१,२२७२,२२८९ समणधम्म ९४७ सण्णिवेस १३० समणोवासग १३१२,१९१३-१९१६ सण्णिसुय (श्रुतज्ञानभेद) ८२०,८२१ समणोवासगपरियाग सण्णी १३१३ १५८,१७८,३६६,३६७,५१६,९६३,१२८०, समभिरूढ (नयभेद) १०८० १५५५,१६४१,१७५४,२०३३,२०३५,२१६८,२१८२,२१८३,२३५० समभिरूढ (सूत्रभेद) ८७१ सण्णीभाव ३५८ सण्णीभूय समय ३१,१२९,१४१,१५१-१५६,२८५,२८६,४८६, ४९१ सण्णोवउत्त ५३७,५३८,५७४,७३०,७८३,९७७,९८७,१०८८,१११०,१११६, १११४,११४४ सण्हपुढवी १११७,११४१,११४६,११४७,१४३६,१४३७,१४७२,१७०७, १८०,४०१ सत्त (जीवत्थिकायनाम) १७०८,२१२१,२१६९,२१७३,२१७५,२१७८,२१८०-२१८५, ३९ सत्त १२८१,१२८४,१३१२,१३१९,१४९१,१६७५, २१८९,२१९०,२१९३,२१९४ १६८६,१७५६,२०७३,२०७४ समयखेत्त ३०,२१२७-२१२९,२१३१,२१३२ सत्ताणुकंपा १४९१ समाउयसमोववन्नग (जीवपगार) १५३३ सत्थोवाडण (बालमरण) २१४४ समाण (सूत्रभेद) ८७१ २३०१ समारंभकरण सद्द (नयभेद) १०८० समारंभसच्चमणप्पओगपरिणय (पोग्गल) २४७८ सद्द (पोग्गलपज्जव) २५५३,२५५४ समिया (वैमानिक इन्द्रों की आभ्यन्तर परिषद् नाम) १९३४ सद्दपरिणाम १२४,१२७ समुग्गपक्खी २१४,२१५ सद्दपरियारग १४५७-१४५९ समुग्घाय १०८९,१११७,११४७,११४८,१७३३,१७३४,१७५६ सद्दपरियारणा १४५७ २०६६,२०६७,२०६९,२११६,२१६९,२१७३,२१७८,२१८२, १०८९ २१८७,२२०१,२२०५,२२१४,२२१५,२२२२,२२२३,२२२९, सन्निपंचेंदिय १७६ २२४०,२२४६,२२५१,२२५५,२२६२,२२८२,२३०८-२३४३ सन्निवाइय (छनामभेद) १०२२,१०२७ | समुच्चयबंध २५५८ सन्निवाइय (वाही) २५९३ समुच्छेयवाई (अकिरियावाईभेद) १३४० सन्निवाइयभाव १००८,२५९९ | समुदाणकिरिया १२४९ सन्निहियपाडिहेरेय २०६५ समुदाणचरग १३१६ २०३०,२०३२ समुद्द १३०,१६८ सपज्जवसिय ३०,१५० | समुद्देस सपज्जवसिय (श्रुतज्ञानभेद) ८२०,८२३ समुद्देसणकाल ८२६,८२९,८३०,८३२,८४४,८५७ सबल (परमाहम्मियदेवनाम) १९१७,१९५४ समोयार १००१,१००२,१००५,१००९,१०११,१०१४, सब्भावसंपण्ण (आहार) ४७८ १०१६,१०६४,१०६७ सभा २८२ | समोववण्णग २६५ सभाव १५० समोसरण १३४०,१३४२,१३४३ २८९ सद्द सन्ना सन्नी P-94 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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