Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan
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शब्द
९२०
२८८
१४७
।
सवेद
पृष्ठ नं. | शब्द
पृष्ठ नं. सरीरसंघयणणाम (कम्म)
१५००,१५०१ | सव्वोहि सरीरोगाहणा ५७६-५९२ | ससमय
८२७,८३०,८३३ सरीरोवही
ससमय-परसमय
८२७ सरीरंगोवंगणाम (कम्म) १५००,१५०१ ससमय-परसमयवत्तव्वया
१०६२,१०६३ सरोदगसमाणा (मतिभेद) ८१६ | ससमयवत्तव्बया
१०६२,१०६३ सलक्खण (वाददोस)
९९२ | ससमयसुत्तपरिवाडी सलागा
| ससरीर
१७३० सलिंग
१०९७,११२७ | ससरीरभाव सलिंगसिद्ध
१६३,९२९ ससरीरी १५८,३६३,५२१,२०७४,२०७५,२१२०,२३५२ सलिंगीणदंसणवावन्नग
२०६३,२०६४ | ससरीरी (जीवत्थिकायनाम) सलेस ५१८,११६६ | सहत्थपाणाइवाय (किरिया)
१२३४ सलेसा
१५९,५१८ | सहत्थपारियावणिया (किरिया)
१२३४ सलेसीभाव
| सहस्सार (देविंदनाम)
१९११ सलेस्स ११०९,११३९,११४०,११६६,११७५-११८३, | सहस्सारकप्पोवगवेमाणियदेव
२२७६ १२०८-१२१०,१३४१-१३४४,१५१४,१५१५, | साइजोग (मोहणिज्जकम्मणाम)
१४८५ १५१८,१५२१,१५२२,१५३०,१५३४,१५३५,२३५१ | साइजोग
२४२९ सल्लकत्तण
साइपारिणामिय
१०२६ सवणता (अर्थावग्रहनाम)
८१४ साइपारिणामियभाव
१००८,१०१२,१०१७ सवीरिय २३६-२३८ साइसंठाणणाम (कम्म)
१५०२ साइम
४७८ सवेदग १५७,३६३,९४८,९५२ साइय
३०,१५०,१६७ सवेदगभाव
३६३ साइयवीससाबंध
१५४३,२५५५,२५५६ सवेयग ९१०,१३४२,१३४४,१४३०,१४३६,१४३९,१५१६ | साइयार (छेदोवट्ठावणियसंजय)
११२१ सवेयय
१०९१,१०९२,११२२,११२३ साइयारछेदोवट्ठावणियचरित्तारिय सव्वओभद्द (सूत्रभेद)
८७२ | साई (मुसावायपज्जवणाम)
१३६९ सव्वकामगुणिय
|साई (संठाण)
२२१३ सब्वट्ठसिद्ध १४,१५६,२३२ | सागरोदगसमाणा (मतिभेद)
८१६ सब्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइयकप्पाईयवेमाणियदेवपंचें
सागरोवम १२९,३८७-३९०,३९४-३९९,४०९,४२२,४२४, दियजीवनिव्वत्ती
१५२ ४२५,४४४,४४७,४५२-४७३,७९४,९७६,९७८,११०४,११३४, सवट्ठसिद्धगदेव
१३३५ | १२०९,१७०५,१७३६,२२२२-२२२७,२२३२,२२३४,२२५५, सवणाणावरणिज्ज (कम्म)
१४९७ | २२५८,२२६३-२२६५,२२८१,२२८३,२२८४,२२९५-२२९७ सव्वदरिसणावरणिज्ज (कम्म)
१४९७ | सागरोवमकोडाकोडी
१६१६-१६३२,१६४१,१६४२ सव्वद्धा १५,३१,१५३,१५४,१६४,१०१२,१०१७,२४३४ | सागरोवमसयपुहुत्त
१४३०,१४३४,१४३८ सव्वदुक्खप्पहीणमग्ग
सागारपस्सी
७८७,७८८,७८९ सव्वपाण-भूय-जीव-सत्तसुहावह (दिट्ठिवायपज्जवनाम)
सागारपासणया
७८५,७८६ सबभासाणुगामिणी
सागाराणागारोवउत्त सव्वमिणंजीव (विभंगणाणभेद)
९४१,९४४ | सागारोवउत्त १२२,१५७,२७६,३६२,३६३,७७७-७७९, सव्वमूलगुणपच्चक्खाणी
२३५,२३६ ७८१,९४८,९७१,११३८,१३४२,१३४५,१५१६,१५१७,१५२२, सव्ववासी
१८७८ | १५५८,१७३१,१७५१,२०३१,२०३३,२०३४,२१६८,२२०४,२३५२ सव्वसाहणणाबंध
२५५८ सागारोवउत्तभाव
३६२ सव्वाहिवई १८७८ | सागारोवओग
७७४,७७५ सबिंदियनिव्वती
| सागारोवओगन्निवत्ती
७७५ सब्बुक्कल
२५९६ सागारोवओगपरिणाम सब्बुत्तरगुणपच्चक्खाणी
| सागारोवयोग
२३०२,२४३३
५२१
१२०
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