Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan
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पृष्ठ नं.
१२९
शब्द
पृष्ठ नं. शब्द सिंगज्झाम
१४८ | सुक्कलेस्स ११८५,११९०-११९२,११९६-१२००,१२०९सिंगार (काव्यरस)
१०३९ | १२२२,१३४१,१३४४,१५१५,१५२१,१५२३,२०४३,२३५१ सिंगार (कामभेय) १४६१ | सुक्कलेस्सट्ठाण
१२२३-१२२७ सिंघाडग
२८२ | सुक्कलेस्सा/लेसा १२४,१२५,२४०,३५८,५१८,९४८,९५२, सिंघाण
१४३,२१६ | ९७२,११०९,११३९,११४०,११५६-११६२,११६४-११७५,११८५सिंधुसोवीर (जणवयणाम)
२१९ | ११८९,१२०७,२१८१,२१८३,२१८७,२२१३,२२७७,२३०२, सिंभिय (वाही) २५९३
२३०३,२४३३ सीओसिणजोणिय ३७१ | सुक्कलेस्साकरण
११६७ सीओसिणा (वेयणापगार)
१६६८
| सुक्कलेस्सानिव्वत्ती सीओ (तो) सिणाजोणी ३७०,३७१ | सुक्कलेस्सापरिणाम
१२० सीतल (नैरयिकआहार) ४८७ | सुक्कसोणियसंभव
२११६ सीय (वेयणाणुभवपगार)
| सुक्किलवण्णणाम (कम्म)
१५०२,१६२५ सीयजोणिय ३७१ | सुक्किलवण्णनिबत्ती
२८८ सीयपरीसह १५०८,१५०९ | सुक्किलवण्णपरिणाम
१२७,२४०२ सीयफासपरिणाम
२४०२
| सुक्ख सीया (वेयणापगार) १६६८ सुग्गइगय
१८२८ सीया (ता) जोणी ३७०,३७१ | सुग्गइगामी
१८२८ सील १३२५,१३३० सुग्गय
१८२७,१८२८ सीलसंपण्ण
१८१६-१८२१,१८३९ सुचिण्ण सीसपहेलिया
सुचिण्णफल सीसपहेलियंग १२९ | सुठुतरमायामा (गांधारग्राममूर्च्छना)
१०३५ सीह (पसत्थसरीरलक्खण) १४१३,१८९० सुत्त (दृष्टिवादभेद)
८७०,८७१,८७२ सीहकण्ण (अंतरदीवय) २१७ सुत्त (सुप्त)
२३९,९१० सीहमुह (अंतरदीवय) २१७ सुत्त (सुयपरियायसद्द)
९०५ सुइदिट्ठी १८०० सुत्तजागर
२३९,९११ सुइपण्ण १७९९ सुत्तफासियनिज्जुत्तिअणुगम
१०७९,१०८० सुइपरक्कम १८०० | सुत्ताणुगम
१०७८ सुइपरिणय १८७०,१८७१ सुत्तालावगनिष्फण्ण (निक्षेपभेद)
१०६७,१०७८ सुइमण
१७९९
१७९७-१९९९,१८६८-१८७० सुइरूव
१८७१
| सुद्धगंधारा (गंधारग्राममूर्च्छना) सुइववहार १८०० | सुद्धदिट्ठी
१७९८ सुइसीलाचार १८०० | सुद्धदंत (अंतरदीवय)
२१७ सुइसंकप्प १७९९ सुद्धपण्ण
१७९८ १७९९,१८००,१८७०,१८७१ | सुद्धपरक्कम
१७९९ सुकथाल (सरीरलक्खण) १८९० | सुद्धपरिणय
१८६९ सुकुलपच्चायाई (सोग्गईपगार) १७०१ | सुद्धपुढवी
१८०,४०२ सुकुलपच्चायाय (सोग्गय)
१७०२ सुद्धमण
१७९७ १४३,२१६ सुद्धव
१८६९,१८७० सुक्कचरिय (पावसुय)
९०८ सुद्धवबहार
१७९८ सुक्कपक्ख
१४९ सुद्धवायाणुओग सुक्कपक्खिय १७८,१३४१,१३४४,१५१५,१५१७,१५२१, सुद्धसज्जा (षड्जग्राममूर्च्छना)
१०३५ १५२२,१५३१,२०३०,२०३२, सुद्धसीलाचार
१७९८ सुक्कपक्खियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइय २१९८ सुद्धसंकप्प
१७९७ सुक्कलेस
११५८,११९०,१२०७,१६३४ | सुद्धेसणिया
सुक्क
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