Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan
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शब्द
पृष्ठ नं. | शब्द
पृष्ठ नं.
२२१ | १७५६,
वेद
९०९
वेणइयवाई १३४०-१३४३,१३४५,१३४६,१६०२-१६०९ | वेयणासमुग्धाय ४८१,४८३,४८५,१११७,११४८,१७३३, वेणइया (लिवी)
|१७५६,२०६७,२०६९,२२०५,२२८२,२३०८-२३११,२३१३, बेणइया (असुयणिस्सियणाणभेद)
८१२,८१३
२३१५,२३२१,२३२२,२३२८-२३३४, वेणइया
२४३०
वेयणिज्ज (कम्म) १२७१,१४८२-१४८४,१४९५,१४९८, वेणुदालि (देविंदनाम)
१४९९,१५०७,१५२१,१५२६,१५५०,१५५१,१५५५-१५५८, वेणुदेव (देविंदनाम)
१५६४,१५६५,१५७१,१५७२,१६५०,१६५१,२३३७,२३४२ १०८९,१५१७,२२०१,२२१४,२२३० वेयरणी (परमाहम्मियदेवनाम)
१९१७,१९५४ वेदग (इब्भजाइ) २२० वेयारणिया (किरिया)
१२३६,१२४९ वेदणिज्ज (कम्म)
१४८१
वेयालि (पावसुय) वेदना/वेदणा २२०१,२२३०,२२४०,२२५५ | वेयावच्च
१४९३,१८३२ वेदपुरिस (पुरिसपगार)
१७७४ | वेर (अबंभपज्जवणाम)
१४०० वेमाणिणी
१३२४ वेलणय (काव्यरस)
१०३९ वेमाणिय १२,५२,६१,८७,१२५,१३०,१४५,१७७-१७९, ।
वेला २३०-२४३,२४६,२५७,२६०,२६२,२७०,२७१,२७९,२८३-२९१, ।
वेलंब (देविंदनाम)
१९११ २९५,२९६,३५६-३६४,३६६,३७१,३७२-३७४,३८१,३८३,४८७, याणिय (अंतरटीवय) ४८९-४९४,५०३,५१४-५२०,५६३,५७२,६०४,६३६,६६०,६६५, |
वेहाणसमरण
२१४०,२१४४ ६६८,६७०,६९८,६९९,७३०,७३८,७४६,७४७,७५२,७६२,७६३,७७७,
वोच्छित्तिणयट्ठया
२४७ ७७९,७८७,७९१,७९२,८१०,९१९,९२०,९२४,९५८,९६१,९९०,
वोम (आगासस्थिकायनाम) १०८७,११६७,११६९,११८३,११८४,११९०,११९६,११९९,
वोयडा (अपज्जत्तियाअसच्चामोसाभासा)
७१३,७१९ १२१८,१२१९,१२३८,१२४०-१२४४,१२४९-१२५१,१२६३-१२६७,
वोरमण (पाणवहपज्जवणाम)
१३५३ १२७०,१२७१,१२८५-१२८८,१३२२,१३२३,१३२५,१३२७-१३३०,
वोलट्टमाण १३३६,१३४१,१३४३,१३४५,१३४६,१४२५,१४२६,१४६३,
वोसट्टमाण
१३३ १४६७,१४६९,१४८२,१४८९-१४९६,१५१३,१५१८-१५२८,
वंक
१८०३,१८०४,१८३६,१८३७,१८४६ १५३१,१५३४,१५४३-१५४५,१५४८-१५५३,१५६२-१५७२,
वंकगई
७६८,७७१ १५८१,१५८४,१५८७,१५९०-१५९३,१५९६,१६०८-१६१३,
वकदिट्ठी
१८०३ १६५१,१६५३,१६५७,१६६९-१६७२,१६७४,१६७६,१६८४,
वंकपण्ण
१८०३ १६८५,१६८९-१६९३,१६९७,१९४०,१९४३,१९६४-१९६७,
वंकपरक्कम
१८०४ २००७,२००८,२०१६-२०२०,२०२४-२०२७,२०४४-२०४८,
वंकपरिणय
१८३६,१८३७ २०५०,२०५१,२०५३,२०५५,२१०७-२११०,२११२,२१२४,
वंकमण २१४८-२१५४,२१९२-२१९४,२१९६,२३००,२३०९,२३१२
१८०२,१८०३
वंकरूव २३२४,२३२८,२३३२-२३३६,२३४६-२३५०,२४३३,२४९६,
१८३७ २४९९,२५००,२५०५-२५०९,२५१२
वंकववहार
१८०४ वेमाणियदेव २२५३,२२५७,२२७६,२२८२,२२९५ वंकसीलाचार
१८०३,१८०४ वेमाणियदेवखेत्तोववायगई
७६४ वंकसंकप्प
१८०३ वेमाणियदेवपवेसणय
२१०५,२१०६ वंग (जनवय)
२१९ वेमाणियदेवपंचिंदियपओगपरिणय (पोग्गल) २४६६-२४६८
वंचणया (तिरिक्खजोणियाउबंधहेउ)
१५८५ वेमाणियदेवाउय
१५८८,१६०२-१६०४ वंचणया (मोहणिज्जकम्मणाम)
१४८५ वेमाणियावास
वंचणा (मुसावायपज्जवनाम)
१३६९ वेमाणियदेविस्थी
१७१ वंजण (पावसुय)
९०७,९१० वेय
१४२५ वंजणक्खर (अक्षरश्रुतभेद)
८२० वेय (वेदन)
१०८९ वंजणोग्गह
६६६-६६८,८१४,८१७ वेयकरण
१४२६ वंत
१४३,२१६ वेयपरिणाम
११९-१२४ वंसय (हेऊ)
९९१ वेयण
१३१३
वंसीपत्ता (मनुष्ययोनि) वेयणा ४,१२८५,१६६८-१६७१,१६९१ | वंसीमूलकेतणय
१४६५ वेयणा (आउभेयकारण)
वंसीमूलकेतणासमाणामाया
१४६५
१३०
३७४
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