Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan
View full book text
________________
१०.
पृष्ठ नं.
२८२
शब्द
पृष्ठ नं. | शब्द पलिओवम १२९,१५६,३८८-३९३,३९९,४००,४१०-४३४, पाणाइवाइय
२५८५ ४३६,४३९,४४३-४४५,४५४-४६२,४७१,४७२,११३४,१३३०- |पाणाइवाय ४,१३१,१२७९,१२८०,१२८५-१२८८,१४९०, १३३२,१७०५,१७०६-१७०८,२२२८-२२३४,२२३७,२२५६- | १६६०,१७०२,१७३२,१७३६,२३०२,२३०३,२४२९,२४३० २२५८,२२६६-२२७६,२२८५-२२८८
पाणाइवाय-अवेरमण (अधम्मत्थिकायनाम) पलिओवमपुहुत्त ११०३,११०४,१३३०,१३३१ पाणाइवायकरण
२८९ पलिकुंचणया (मोहणिज्जकम्मणाम)
१४८५ |पाणाइवायकिरिया १२३४,१२३८-१२४१,१२५१-१२५५, पलिभागभावमाया ११८८,११८९
१२५७-१२५९ पल्लल २८२ पाणाइवायविरय
१२४२ पवयण
८७६ | पाणाइवायवेरमण ४,१३१,१२८७,१२८८,१४९०,१६५६, पवयणउब्भावणया (भद्दकम्मबंधहेउ) १४९२
१६६०,१७०२ पवयणपभावणया (तित्थयरनामकम्मबंधहेउ)
१४९३ पाणाइवायवेरमण (धम्मत्थिकायणाम) पवयणमाया
पाणाऊ (पूर्व)
८७२,८७३ पवयणवच्छलया
१४९२ पाणाणुकंपा
१४९१ पवरभवण (पसत्यसरीरलक्खण) १४१३ पाय
९१७ पवा
पायत्ताणीय
१९५८ पवाल
१९४,१९५ पायावच्चथावरकाय
१७२७ पवित्थर (परिग्गहपज्जवनाम)
१४१८ पायावच्चथावरकायाधिपती
१७२७ पवेसणग
२०५४
पारगय पवेसणय २०४७-२०५५,२०७६,२०७७ पारिग्गहिया (किरिया)
१२३५,१२४३-१२४८ पवंचा
पारिणामिय (भाव)
१००८,१०१९,१०२२,१०२६, पव्वग १८५,१८९
१०२७,२५९९ पब्वयराई
१४६४ पारिणामिया (असुयणिस्सियमईणाणभेद)
८१२,८१३ पसती (धान्यमानप्रमाणभेद)
.. १०५४ पारिणामिया (बुड्ढि)
२४३० पसत्थ
२७९,९४९,१०७४
पारियावणिया (किरिया) पसत्थविहायगइणाम (कम्म)
१२३३,१२३८-१२४०,१२५५ १५०३,१५०६,१६२८ परिहत्थिय (णेउणियपुरिसपगार)
१८८३ पसत्थारदोस (वाददोस)
२,४,२५८५,२६०२ पसप्पग
१८८१ पसंग (अबंभपज्जवनाम)
पाव (पाणवहसरूव)
१३५२
पावकम्म पसंत (काव्यरस)
१०३९
१५०९-१५२०,१५२६-१५३६ पहराईया (लिवी)
पावकम्मकरण (अदिण्णादाणपज्जवणाम)
१३८०
पावकोव (पाणवहपज्जवणाम) पहा
१३५३ पहा (पोग्गलपज्जव)
२५५४
पावग पाउसिया (किरिया)
१२५५
पावय पाओवगमणमरण
पावयण
२१४१,२१४४ पाओसिया (किरिया)
१२३३,१२३८,१२३९
पावयणी पागसासणि (पावसुय)
पावलोभ (पाणवहपज्जवणाम)
१३५३ पागार
पासओअंतगय (अंतगयआणुगामियओहिनाण) ९१४,९१५ पाडिसुय (अभिनयप्रकार)
पासणया
७८५ पाडुच्चिया (किरिया) १२३६,१२४९ पासत्थ
१९१३ पाढ (सिद्धश्रेणिकापरिकर्मभेद)
पासत्थविहारी
१९१३ पाण (जीवत्थिकायनाम)
३९ पासवण
१४३,२१६ पाण ५७२,१२८०,१२८१,१२८४,१३१२,१३१९,१३५६,
पासाद
२८२ १४९१,१६७५,१६८२,१६८३,२०७३,२०७४ पाहुड
८७५ पाण (आहार) ४७८ पाहुडपाहुड
८७५ पाणपुण्ण २६०१ | पाहुडपाहुडिया
८७५ पाणमंसोवम ४७८ पाहुडिया
८७५ पाणय (देविंदनाम)
पिइअंग
२१२३ पाणवह (पाणवहपज्जवनाम) १३५२,१३५३,१३६७,१३७१ | पित्त
१४३,२१६
९९२
पाव
~
२२१
८७६
९०८
૨૮ર
८७०
P-75 For Private & Personal Use Only
Jain Education International
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814