Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 671
________________ शब्द पियट्ठ १४७ पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. पिय (पोग्गलपगार) २३९९ पुढविकाय २८०,१२७८ १८४५ पुढविकाल ३०३,३०६,३०७ पियस्सरया (सुभणामकम्मस्सअणुभावपगार) १६५७ पुढविक्काइयएगिंदियपओगपरिणय (पोग्गल) २४६४ पिया पुढविजीव १७५४ पित्तिय (वाहो) २५९३ पुढविजीवसरीर पिवास (वेयणाणुभवपगार) १६७७ पुढविजोणिय ५२४,५२७-५२९ पिसायवाणमंतरदेव २२५६,२२७५ पुढविफास १७१५ पिहुल १२६ पुढविराई १४६४ पिहुल (संठाण) २४३५,२५५४ पुढवी १३०,१३२३,१४२६,२३६७,२४३० पिंड (परिग्गहपज्जवणाम) १४१८ पुढवीकाइय १३२४ पिंडिम (सद्दभेय) २५५३ पुढवीकाइयकाल पीढाणीय १९५८ पुण्ण (पूर्ण) १८४३-१८४६ पीणणिज्ज (भोयणपरिणाम) पुण्ण (पुण्य) २,४,२५८५,२६०२ पीयवण्णपरिणाम १२७ पुण्ण (गीतगुण) १०३६ पुक्खरवरदीवड्ढपच्चत्थिमद्धग (मणुस्सपगार) १८८२ पुण्णकामय २११९ पुक्खरवरदीवड्ढपुरथिमद्धग (मणुस्सपगार) १८८२ पुण्णकंखिय २११९ पुक्खरणी १३०,२८२ पुण्णपिवासिय २११९ पुक्खरसारिया (लिवी) २२१ पुण्णरूव १८४४,१८४५ पुखलसंवट्टग (मेघ) २५२३,२५२४ पुण्णोभासी १८४४ पुखलसंवट्टय १८७४ पुत्तणिही २५९५ पुग्गल १४,२९ पुत्तमंसोवम (तिर्यंचआहार) ४७८ पुच्छणी (अपज्जत्तियाअसच्चामोसाभासा) ७१२,७१९ पुन्न (देविंदनाम) १९१० पुच्छा (आहरणतद्देसदिटुंतपगार) पुष्फ १९४,१९५ पुट्ठलाभिय १३१६ पुष्फोवय १८३७ पुट्ठसेणियापरिकम्म ८७० पुष्फोवा १८३७ पुट्ठापुट्ठ (सूत्रभेद) पुमवयण (वयणपगार) ७४१ पुट्ठिया (किरिया) पुरओअंतगय (अंतगयआणुगामियओहिनाण) १२३५,१२४९ ९१४,९१५ पुढवि १७९,५१८,१२७० पुरथिम (दिसा) ३२,१४२,३०८-३१३,९३० पुढविकाइय/पुढविक्काइय १०,५२,५६,६८,६९,७१,१२२,१३१, पुरिमड्ढिया १४५,१६०,१६२,१७४,१७६,१७९,१८१,२४४,२४९,२५५,२६२,२६७, पुरिस १६८,१६९,१७२,२०४,२०७,२०८,२१०,२१३, २७८,२८१,२८५,२९१,२९२,२९६,२९७,२९९,३०५-३०८,३१७, २१४,२१६,३८८,१४३४,१४३७,१४४६,१५३८,१५४१,१५५४ पुरिसक्कारपरक्कम १४१,२३७,९८३ ३२३,३४४,३६६,३७०,३७२,४००,४८१,४८४,४८५,४९४,४९९, | पुरिसणिब्वत्तिय (पोग्गल) ५००,५०१,५१३,५६३,५६७,५६८,५७२,६५९,६६१,६६२,६६७, १५१० पुरिसनपुंसगवेदय ९४९,९५२ ६६९,६७०,६९७,७०८,७४६,७५१,७५३,७७५,७७८,७८६,७८८, पुरिसनपुंसगवेयय ७९१,९५६,९६०,९६१,११६८,११७९,११९३-११९५,१२११, १०९२,११२२,११२३ पुरिसपच्छाकड १५३८-१५४०,१५४२ १२२२,१२६२,१२६३,१२६९,१२८०,१३२७-१३३३,१३४३, पुरिसलक्खण (पावसुय) १३४५,१५१८,१५२४,१५२७,१५४९,१५८४,१५९५,१५९८, पुरिसलिंगसिद्ध १६३ १६०६,१६१३,१६५३,१६५७,१६७१,१६७२,१६७४,१६७६, पुरिसलिंगसिद्ध (अणंतरसिद्धकेवलनाण) ९२९ १६८२,१६८९,१६९६,१७२६-१७२८,१७३१-१७३३, पुरिसवेदबंधग २१६८,२१८२ १७३७-१७४७,१९७७,१९७८,१९९२,१९९३,१९९६-१९९८, पुरिसवेदग २०३१,२०३२,२०३५,२०३९,२१८२,२१८३, २००५,२००९,२०११,२०२१,२०२२,२०४४-२०४७,२०५०, २२०५,२२३०,२२४०,२२५५,२२६३,२२७७ २०५२-२०५५,२०६६-२०७०,२११०-२११२,२१२५,२१४९, पुरिसवेदय ९४९,९८३ २२३९,२२४०,२२४३-२२४५,२२५२,२२५४,२२५६-२२६१, पुरिसवेदवज्झ १५७४ २२६५,२२७९,२३००,२३०८,२३१६,२३२७,२३३०,२३३६, पुरिसवेय ३६३,१४२५,१४२६,१४२८-१४३१ २४३२,२४९६,२५०८ पुरिसवेय (णोकसायभेद) १४९९,१५०५,१६२०,१६३५,१६४२ पूढविकाइयएगिदियजीवनिव्वत्ती १५२ पुरिसवेयकरण १४२६ पुढविकाइयनिवत्तिय (पोग्गल) १५११ पुरिसवेयग १२२,१२४,१५९,२५२,९७३,१५१६,१५१८ पुढविकाइयाउय १६१३ | पुरिसवेयपरिणाम ८७१ P-76 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814