Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 675
________________ ३८१ शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. भयसण्णोवउत्त ३८२,३८३,१७५३,२०३१ भवेयणा २६०६ भयसन्नानिब्बत्ती भवोववायगई ७६३,७६६ भयंकर (पाणवहपज्जवणाम) १३५३ भवोहिमरण २१४२ भरह (चक्कवट्टी) १३२१ भसोल (नाट्ययप्रकार) भव १६६,१०८९,२३४६ भाइल्लग (जहण्णपुरिसपगार) १७७४ भव (उत्पत्ति) भाग १००६,१०११,१०१६ भवकरण २८९ । भायण (आगासत्थिकायनाम) भवचरिम २३४७ भायणपच्चइय (साइयवीससाबंध) भवट्टिई भायणभूय भवणवइ १३३६,१६८७ भार (उन्मानप्रमाणभेद) १०५५ भवणवइदेवखेत्तोववायगई ७६४ भार (परिग्गहपज्जवणाम) १४१८ भवणवासिदेव २२५३,२२५४,२२७४,२२८० भाव १३२,८७७,१००६,१०११,१०१६,१०८९,१४६६,२३४६ भवणवासिदेवपंचिंदियपओगपरिणय (पोग्गल) भावअणुज्जुयया (मोसोप्पत्तिकारण) भवणवासिदेवाउय १६०२-१६०४ भावकरण २८९ भवणवासी १२,२३०,२७९,२८३,३११ भावखंध २५४९ भवणवासीदेव ३१४,३२१ भावचरिम २३४८ भवणवासीदेवपवेसणय २१०५,२१०६ भावज्झयण १०६७,१०६९ भवणवासीदेवाउय १५८८ भावज्झवणा १०७४ भवत्थकेवलनाण ९२८,९२९ भावज्झीण भवत्थकेवलिअणाहारग भावट्ठया भवधारणिज्ज २२६२ भावट्ठाणाउय २५०१ भवधारणिज्जा (सरीरोगाहणा) २७५,५८५-५८९,२२५४,२२६२ भावदेव ४७२,६२३,१९०७-१९०९,२०६१,२०६३ भवपच्चइरा (ओहिनाणपच्चक्ख) भावप्पमाण १०५३,१०६२ भवसिद्धिय १३२,१५०,१५१,१५८,१७७,२५०,२८७,३०४, | भावपरमाणु २५०२ ३१७,३४७,५१६,८७७,९६३,१०२७,१३३७-१३३९,१३४३- | भावबंध १५४३ १३४६,१५५६,१६४५,१७२७,१७४६-१७४७,१९६१,१९६२, भावलिंग १०९७,११२७ २०१६,२०३०,२०३२,२०३३,२०३५,२३५० भावलेस/भावलेस्स ११५६,११५८ भवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मएगिदिय २१७६ भावसच्च २५९३ भवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मबेइंदिय २१७९ भावसच्चा (पज्जत्तियासच्चाभासा) ७१२ भवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मसन्निपंचेंदिय २१८६ भावसमोयार १०६४ भवसिद्धियखुड्डागकडजुम्मनेरइय २१६१ भावसुय ९००,९०४ भवसिद्धियत्त १५० भावसंजोग १०४४ भवसिद्धियभाव भावसंसार २५९२ भवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइय भावाइयंतियमरण २१४३ भवाइयंतियमरण भावाणुपुवी १००१,१०१९ भवाउय (आउयकम्मभेय) १४९९ भावादेस २३५८,२४९३-२४९५ भवादेस १७५४,१७५५,२२०६,२२१४-२२२४,२२३० भावाय १०७१,१०७४ भवावीचियमरण २१४१ भावावीचियमरण २१४१,२१४२ भविताभवित भावियप्पा ६०९-६१७,६२१,६२२,९८१-९८८ भवियदव्वदेव ४७२,६२२,१९०७-१९०९,२०५९,२०६१ | भाविंदिय ६६९,६८२,६८४,२१२० भवियदवनेरइय २०४६ भावुज्जुयया (सच्चोप्पत्तिकारण) भवियदव्वपुढविकाइय २०४६ भावेयणा २६०६ भवियदव्वपंचेंदियतिरिक्खजोणिय २०४६ भावोगाहणा भवियसरीरदव्वखंध २५५१ भावोवक्कम ९९८,१००१ भवियसरीरदव्यज्झयण १०६८,१०६९ भावोहिमरण २१४२ भवियसरीरदब्वय ९०२,९०३ भासअणुज्जुयया (मोसोप्पत्तिकारण) भवियसरीरदव्वसंखा १०५९,१०६०। भासग भवियाउय २०१५ भासय P-80 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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