Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 679
________________ १५२१ शब्द पृष्ठ नं. शब्द पृष्ठ नं. माणकसायी १५९,५२०,१४७२,१७५३,२०३९ | माहिंद (देविंदनाम) १९११ माणणिस्सिया (पज्जत्तियामोसाभासा) ७१२ माहेसरी (लिवी) माणव (जीवत्थिकायनाम) ___३९ | मिउकालुणिया (विकहा) २६०१ माणवत्तिय (किरियाठाण) १२८९,१२९४,१२९५ | मिच्छ १६४ माणवसट्ट १५४६ | मिच्छत्त (आसवदार) १३५२ माणविवेग २५८६ | मिच्छत्त १४८९ माणसण्णा | मिच्छत्तकिरिया . १२३३,१२८१,१२८२ माणसमुग्धाय २३३३-२३३६ | मिच्छत्तमोहणिज्ज (कम्म) १५०५,१६३५-१६३९ माणसा (वेयणापगार) १६६९ | मिच्छत्तवेयणिज्ज (दंसणमोहणिज्जकम्मभेय) १४९८,१५०५, माणसंजलण (कसाय) १६१९ १६३९,१६४२ माणी (रसमानप्रमाणभेद) १०५५ | मिच्छत्तवेयणिज्ज (मोहणिज्जकम्मस्सअणुभावपगार) १६४६ माणुस २,१६४ | मिच्छत्ताभिगमी २७९ माणुस (संवास) १४६० मिच्छदिट्ठि माणुस्स (मेहुण) १४५५ | मिच्छदिट्ठि (जीवट्ठाण) १६६२ माणोवउत्त २७१,२७२,२७८ | मिच्छाद्दिट्ठि १३४२,२०१६,२४३३ मानकसायनिव्वत्ति १४६९ | मिच्छद्दिट्ठिय १७८ माया ४,५५९,१२७२,१२७३,१२८६,१३९०, मिच्छट्ठिी १२२,१२४,३१७,५१९,११७७-११८१.१३४४, १४६४,१४६५,२४२९,२५८६ | १५१७,१५५५,१६०४,१६३३,१६३४,१७३१,१७३५,२०५८,२०५९ माया (मोहणिज्जकम्मणाम) १४८५ | मिच्छदंसण २७५ मायाकसाई १४७२,१५१६ | मिच्छसुय (सुयणाणभेय) राणभेय) ८२०,८२२,८२३ मायाकसाय १४६३ | मिच्छद्दिविरासीजुम्मकडजुम्मनेरइय २१९८ मायाकसायकरण १४६८ | मिच्छादिट्ठी १५८,२६५,२६९,२७०,२७५,७९१,७९२,७९४, मायाकसायनिव्वत्ति १४६९ |७९५,१५२३,१७५१,२०५६,२०५७,२२०४,२२१५,२२२९,२३५१ मायाकसायपरिणाम १२० मिच्छादिट्ठीकरण ७९२ मायाकसायी १५९,५२०,१४७२,१७५३,२०३९ | | मिच्छादिट्ठीनिव्वत्ती मायाणिस्सिया (पज्जत्तियामोसाभासा) ७१२ मिच्छादिट्ठीभाव ३५९ मायामोस १२८६,१२८७,२५८६ मिच्छद्दिट्ठी १९६१,२१६८,२१७७,२१८१,२१८७,२२०४, मायामोस (मुसावायपज्जवणाम) २२१५,२२२९,२२४४,२२४६,२२४७,२२५१,२२८३,२२९०, मायामोसविरय १२४३,१५६१ २२९२,२३०२,२३०३ मायामोसविवेग २५८६ क रणार १२१ मायावत्तिया (किरियाठाण) १२८९,१२९५,१२९६ | मिच्छादसणलद्धी ९६४,१०२६ मायावत्तिया (किरिया) २६४,२६८,२६९,२७०,११७७, | मिच्छादसणवत्तिया (किरिया) २६५,२६७,२७०,११७८-११८१, ११७८,११८०-११८२,१२३५,१२४१-१२४६,१२४८ १२३५,१२४१-१२४८ मायावसट्ट १५४६ मिच्छादसणसल्ल ४,१३१,१२७०,१२७६,१२७९,१२८०, मायाविवेग २५८६ १२८६,१२८७,१४००,१७३२,१७३६,२३०२,२३०३,२४३०,२५८६ मायासण्णा मिच्छादसणसल्लअविवेग (अधम्मत्थिकायनाम) मायासमुग्धाय २३३३-२३३५ मिच्छादसणसल्लविरय १२४३,१५६१,१५६२ मायासंजलण १६२० मिच्छादसणसल्लविवेग मायिमिच्छद्दिछिउववन्नग ४,१३१,१४८९,२३०२,२३०३, २४३०,२५८६ मायि/मायीमिच्छद्दिट्ठी ९८१,९८२ (मिच्छादसणसल्लविवेग (धम्मस्थिकायणाम) मायीमिच्छादिट्ठीउववन्नग मिच्छादसणसल्लवेरमण १३१,१२८८,१६५६ मायोवउत्त २७२,२७३,२७७,२७८ मिच्छादंसणि १२४२ मारण (पाणवहपज्जवणाम) १३५३ मारणंतियसमुग्घाय मिच्छापच्छाकड (मुसावायपज्जवनाम) १३६९ ४८१,४८३,४८५,१११७,११४८, १७३३,१७५६,२०६७,२०६९,२१६९,२१८२,२२०५,२३०८ मिच्छापवयण (पावसुयपसंग) ९१० मित्त १८१३ २३१०,२३१७,२३२२,२३२६-२३३३ मित्तणिही मास १२९,१५५,१५६ २५९५ २२२२-२२२४,२२७३,२२७८,२२८० मित्तदोसवत्तिय (किरियाठाण) मासपुहुत्त १२८९,१२९४ माहण १२०५,१२०६,१३०३,१३०९,१३१२,१५८८,१५८९ मित्तस्व १८१३ Jain Education International P-84 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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