Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 666
________________ पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. नोचरित्ती १२२,१२४ | पएसबंध १५४६ नोचुलसीइसमज्जिय २०५४-२०५६ |पएसबंधणोवक्कम १५४६ नोछक्कसमज्जिय २०४९-२०५१ |पएसविपरिणामणोवक्कम १५४७ नोतस-नोथावर १५९,३४८ पएससंकम १५४७ नोपज्जत्तय-नोअपज्जत्तय १५८,३४८,१५५६ | | पओग ७५० नोपरमाणुपोग्गल (पोग्गलपगार) २३९९ | पओगकिरिया १२४९ नोपरित्त-नोअपरित्त १५८,३४७,१५५७ पओगगई नोबद्धपासपुट्ठ (पोग्गलपगार) २३९९ | पओगपरिणय (पोग्गल) २४६३,२४७८,२४८५-२४९० नोबारससमज्जिय २०५२ पओगबंध २५५५,२५५६ नोभवसिद्धिय-नोअभवसिद्धिय १५८,३५७,९६३,१५५६, | पकामनिकरण १६८४ २३५०-२३५२ | पकंथग १८५५-१८६० नोभासासद्द २५५३ पक्कमणि (पावसुय) नोभिउरधम्म (पोग्गलपगार) २३९९ पक्कमहुर नोभूसणसद्द २५५३ पक्ख १२९,६९९-७०३ नोसण्णी-नोअसण्णी १५८,३६८,१५५५ | पक्खी २१४ नोसण्णी-नोअसण्णीभाव पक्खेवाहार ५०२,५१४ नोसण्णोवउत्त १११४,११४४,१३४२,१३४४, पगइअप्पाबहुय १५४७ १५१६,२१८२,२१८५ | पगइउदीरणोवक्कम १५४६ नोसन्नी-नोअसन्नी २३५१ पगइउवसामणोवक्कम १५४७ नोसन्नोवउत्त १५२१,१५२३ | पगइणिगाइय १५४७ नोसुहम-नोबायर १५८,३०७,३२८,९६१,१५५८,१५५९ पगइणिहत्त १५४७ नोसंजय-नोअसंजय-नोसंजयासंजय १५९,१०८८,१०८९, पगइबंधणोवक्कम १५४६ १५५४,१५५५,२३५१ पगइभद्दया १५८६ नंदावत्त (सिद्धश्रेणिकापरिकर्मभेद) ८७० | पगइविणीयया १५८६ नंदिराग २४२९ पगइविप्परिणामणोवक्कम १५४७ नंदी (मोहणिज्जकम्मणाम) १४८५ पगइसकम १५४७ पगडी १४८० पइट्ठा (धारणानाम) ८१६ | पगडीकम्म १४८० पइभय (पाणवहसरूव) १३५२ पगडीबंध १५४६ पईव (प्रदीप) पच्चक्ख ८१०,९१३,९३१,९९१ पईवलेस्सा पच्चक्खाण २३८,१३२६ पउम १२९ पच्चक्खाणनिव्वत्तियाउय पउमलेस्सा ११०९,११४० पच्चक्खाणापच्चक्खाण पउमंग १२९ पच्चक्खाणप्पवाय (पूर्व) ८७२ पउय पच्चक्खाणापच्चक्खाणनिव्वत्तियाउय पउयंग पच्चक्खाणापच्चक्खाणी २३३,२३८ पएस १८,३१,४५,१४३,१४४,२५८५ पच्चक्खाणावरण ९५० पएसअप्पाबहुए १५४७ पच्चक्खाणावरणकोह १४६३-१४६४ पएसउदीरणोवक्कम पच्चक्खाणावरणकोह (कसायवेयणिज्जभेय) १४९९ पएसउवसामणोवक्कम १५४७ पच्चक्खाणावरणमाण १४९९ पएसग्ग ४३,१६५२ पच्चक्खाणावरणमाया . १४९९ पएसघण १६६ | पच्चक्खाणावरणलोभ १४९९ पएसट्ठया १७,३२,३४,५३,५५-८६,२०१,३५०-३५४, | पच्चक्खाणी २३३,२३८ ५७५,६६२,६६३,६६५,१००९,१०१७,१०१८,१२२३-१२२६, | पच्चक्खाणी (अपज्जत्तियाअसच्चामोसाभासा) ७१३,७१९ २३५४-२३५६,२४३६,२४४४,२४४५,२५००,२५०१,२५३१-२५४५ | पच्चत्थिम (दिसा) ३२,१४२,३०८-३१३,९३० पएसणिगाइय १५४७ | पच्चावट्टणया (अवायनाम) ८१५ पएसणिहत्त १५४७ | पच्छाणुपुवी ९,६०१,१०१२,१०१८,२४४० पएसनिष्फण्ण (दव्वपमाण) १०५३ | पच्छिपिडय १४६ mm 9 m P-71 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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