Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 636
________________ शब्द आया (आत्मा) आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिय आयाणुकंपय आयाती आयारंभ आयावग आयाबाई आयास (परिग्गहपज्जवणाम) आयाहिकरणी आयुह आयंतकर आयंतियमरण आयंदम आयंबिलिया १२७५, २३००,२३०१,२३०५,२५१३-२५२० आयंभर आयंस ( सरीरलक्खण) आयंसमुह (अंतरदीवय) आयंसलिवी आरभट (नाट्यप्रकार ) आराम आराहय आरिय आरोग्ग (सोक्खपगार) आरंभकरण आरंभमोसमणप्पओगपरिणय ( पोग्गल ) आरंभसच्चमणणओगपरिणय ( पोम्गल) आरंभसमारंभ (पाणवतपज्जवणाम आरंभिया (किरिया ) आलाव (वयणविकम्प) आलावणबंध आवकहियसामाइयचरितारिय आवट्टणया (अवायनाम) आवण आवत्त आवरण (पावसुपसंग ) आवलिया आवस्सग (अंगबाहिरमुयभेद ) आवस्सगवरित (अंगवाहिरमुयभेव ) आवायभद्द आवीईमरण आवीचिमरण आसकरण (अंतरदीवय) आसण Jain Education International पृष्ठ नं. शब्द आसणाभिग्गह आमती (परिग्गहपज्जवणाम) आसम १३१४ आसमुह (अंतरदीवय) १८१३ आसरयणत्त २११६ आसव २४०,२४१, ११६६ १३१७ १८१४ २१४० आसवदार आसवद्दार १४२ आससणायवसण ( अदिण्णादाणपज्जवणाम) १४१८ आसीदिमा २४२ आसुर (संवास) ४४ आसुर (अवद्धंसभेव) ४,२१८, २३०, १२८९,१३११ १६८६ २८९ २४७८ २४७८, २४८७ १३५३ आहारसण्णा / सन्ना आहारसण्णाकरण आहारसण्णोवउत्त आहारसन्नानिब्बती २६५,२६७-२६९,११७७,११८०- आहारसन्नोवउत्त ११८३, १२३५,१२४१-१२४४, १२४६ १२४८ आहारसमुन्धाय २६०१ आहारकसरीरकायजोय २५५७ २२९ ८१५ २८२ १४६६ आहारगमीसगसरीरकायप्पओग ९१० आहारगमीसगसरीरकायप्प ओगी १२९, १५३-१५५.२८५,१७०५ आहारगमीसव (कायभेद ) ८७९,९९८ आहारगमीसासरीरकायजोय ८७९,८८९,९९८ १८२६,१८२७ आहारगसमुग्धाय आसंसप्पओग आहवाय (सूत्रभेद) आहरण ( दिट्टंत पगार) १८१४ १३१७ आहरणतोस ( विद्रुतपगार) १८१५ आहव्वणि (पावसुय) १८९० आहार २१७ आहार ( आउभे कारण ) २२१ आहारअपज्जती ९९६ आहारचरिम १३०,२८२ १९६२ आहारदव्ववग्गणा आहारपत आहारपज्जत्ती अपज्जत आहारपत्तीपत आहारग आहारग ( सरीर) आहारगभाव ४,१३१३,२५८५,२६०३ पृष्ठ नं. १३० २१७ १३३६ P-41 For Private & Personal Use Only ८६४,१३५२ १३३ १३८१ २५८७-२५९० १४६० १५४७ २६०५ ८७१ ९९४ ९९४ ९०८ आहारगमीसासरीरकायप्पओगपरिणव (पोम्गल) १०८९,२३४६ १६१६ १७०३ २३४८ २५८० ६३१, १७०३, १७०४ ५८२ ५२२ ३८०, ३८३,२२०४,२३०३,२४३३ २८३ आहारगसरीरकायप्पओग १४१८ आहारगसरीरकायच्यओगपरिणय (पोग्गल) ३८१,३८२,१५१६,१७५३,२०३१,२०३२ ३८१ १३४२,१५१७,२१६८,२१८२ ३८१ १५७,१७७,२५४,४८७,५१५-५१८,५२०,५२२, ५३६,५३८, ५७१,९७३, १७५२,२१६८ १११७,११४८ ७३६ ३८ ३५६ ७५० ७५३, ७५५-७६१ ७४१ ७३६,२३४० २४७९,२४८३ २३०८-२३१४,२३१८,२३१९,२३२५, २१४० २३२८,२३३१-२३३३ २१४१ आहारगसरीर ५४४,५५४,५६७, ५७१, ५७४, ५७५, ५९३,५९९, २१७ २५७७-२५७९ २८१ आहारगसरीरकायजोग २३४० ७५० २४७९,२४८३ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814