Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 628
________________ ७१२ ४९० शब्द पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. अणेगावाई (अकिरियावाईभेय) १३४० अणंताणुबंधीमाण (कसायवेयणिज्जभेय) १४९९ अणेगिंदिय ७३० अणंताणुबंधीमाया (कसायवेयणिज्जभेय) १४९९ अणोउय २११७ अणंताणुबंधीलोभ (कसायवेयणिज्जभेय) १४९९ अणोगाढ १७ | अण्णउत्थिय ७१५,७३२,१२८१,१२८२-१२८४,१४२८, अणोवणिहिया (दव्वाणुपुवीभेय) १००१ १५९६,१६१३,१६१४,२५४७ अणोवणिहियाखेत्ताणुपुब्बी १०१४,१०१८ अण्णतित्थयपवत्ताणुजोग (पावसुयपसंग) अणंगपडिसेविणी. २११७ अण्णपुण्ण २६०२ अणंगपविट्ठ (श्रुतज्ञानभेद) ८२०,८८९ अण्णमण्णब्भास अणंत १९,२२-२९,३८,४५,५१,५२-११७,१४१,१४२, अण्णलिंगसिद्ध १६३,१६४ १४४,१४५,२००,२०१,६६४,६७०-६८५,९८०,१००७,१०११ | अण्णलिंगसिद्ध (अणंतरसिद्धकेवलनाण) अणंत (आगसत्थिकायनाम) अण्णहाभाव ९८१-९८४ अणंतजीविय (रूक्खभेय) १७६८-१७७० अण्णाण ६६,७५,७७,८०-८२,८६,१२२,१२३ अणंतमिस्सिया (अपज्जत्तियासच्चामोसाभासा) अण्णाणणिवत्ती अणंतर (सूत्रभेद) अण्णाणपरिणाम १२१-१२३,१२५ अणंतरखेत्तोगाढ अण्णाणपरीसह १५०७ अणंतरखेदोववण्णग १६११ अण्णाणभाव अणंतरनिग्गय १६१०,२०१९ अण्णाणियवाई ८२८,१२९७,१६०२-१६०६ अणतरपज्जत्त २६०,१५२९,२०३४ अण्णाणी १५७,१६०,२७६,३६१,५२१,१६३४ अणंतरपज्जत्तग २०३५,२०४२ अण्णायचरग अणंतरपरम्परअणिग्गय १६११ अण्हह अणंतरपरम्परअणुववण्णग २००६,२००७ अतधणाण अणंतरपरम्परअनिगय २०१९ अतहणाण (पट्ठ) अणंतरपरम्परखेदाणुववण्णग १६११ अतिकंतजोव्वण २११७ अणंतरपरम्पराणुववन्नग १६१० अतित्थ १०९७,११२६,११२७ अणंतरबंध ३८१,५५९,७९२,११८९,१४२५,१५४४ अतित्थसिद्ध अणंतरसिद्ध २४७ अतित्थसिद्ध (अणंतरसिद्धकेवलनाण) अणंतरसिद्धअसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा १६२,१६३ | अतित्थगरसिद्ध अणंतरसिद्धकेवलनाण अतित्थगरसिद्ध (अणंतरसिद्धकेवलणाण) अणंतरसिद्धणोभवोववायगई ७६७ | अत्त (पोग्गलपगार) अणंतरागम (आगमभेद) अत्त (सद्दपगार) २५५४ अणंतरावगाढ २६०,२१३८ अत्त (सुखद) अणंतराहारग २६०,२०३५,२०४२ अत्तय (पुत्तपगार) १८८३ अणंतरोगाढ ८,४९६,७२३,२०३४ अत्तागम (आगमभेद) अणंतरोवगाढग २०३५,२०४२ अत्तुक्कोस २४२९ अणंतरोववण्ण अत्तुक्कोस (आभिओगकम्मपगरण) अणंतरोववण्णग १७७,२६०,४९२,४९३,९३६ अत्तुक्कोस (मोहणिज्जकम्मणाम) १४८५ अणंतरोववण्णय १५१८,१५२५ अत्तोवणीय (आहरणतहोसदिटुंतपगार) अणंतरोववन्नग १३४६,१५३१,१५३४,१५३५,२०३४, अत्थ २०३५,२०४२,२१३८ अत्थकामय २११९ अणंतरोववन्नगएगिंदिय २३११ अत्थकंखिय २११९ अणंतसमयसिद्ध १६३,१६४ अत्थजोणी २५९१ अणंतसमयसिद्धणोभवोववायगई ७६७ अत्थपिवासिय २११९ अणंतसंसारय १९६१ अत्थमियत्थमिय १८३० अणंतसंसारिय १७८ अत्यमियोदिय १८३० अणंताणुबंधी ९४९ अत्थविणिच्छय २५९१ अणंताणुबंधीकोह (कसायवेयणिज्जभेय) १४९९ | अत्थाहिगार (उवक्कमभेद) १००१,१०६४ mom १५४८ P-33 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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