Book Title: Dravyanuyoga Part 4
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 632
________________ शब्द १४६५ १२९ पृष्ठ नं. | शब्द पृष्ठ नं. अवट्ठिय (ओहीणाणपगार) ९२४ | अवेयग १२५,१५९,९७३,१३४२,१३४३,१४३६, अवण्ण (अवर्णवाद) १४९२ १४३९,१५१६,१५१९,१५२३ अवत्तव्यंगसंचिय २०४७-२०४९ | अवेयय १०९१,१०९२,११२२,१४३०,१५२१,१५२७ अवत्तव्यय १००२-१००६,१००८,१०११,१०१६,१०१७, अवंझ (पूर्व) ८७२,८७३ २३५८-२३६६,२५१४-२५२० | अव्वईभावसमास १०४८,१०५० अवत्तव्वयदव्व १००८,१००९,१०१६ | अव्वत्तदसण ९१० अवदल १८४५ अब्वय ८७७ अवधिदसणी अव्वाबाह १६४ अवद्धंस १५४७ अव्वाबाह (लोगंतियदेवनाम) १९१२ अवन्न (अवर्णवाद) १५४८ अव्वाबाहदेव १९४३,१९४४ अवलेहणियकेतणय १४६५ अव्वोच्छित्तिणयट्ठया २४७,२०३० अवलेहणियकेतणयसमाणामाया अब्बोयडा (अपज्जत्तियाअसच्चामोसाभासा) ७१३,७१९ अवलोव (मुसावायपज्जवणाम) असच्च (पुरिसपगार) १८०५-१८०७ अवव १२९ असच्चदिट्ठी १८०६ अववंग असच्चपण्ण १८०६ अवसप्पिणी ३०२,३०६ असच्चपरक्कम १८०७ अवहार (अदिण्णादाणपज्जवणाम) १३८० असच्चपरिणय १८०५ अवहीय (मुसावायपज्जवनाम) असच्चमण १८०५ अवाउड १३४७ असच्चमणप्पओगपरिणय (पोग्गल) २४८६,२४८८ अवाय (मईनाणभेय) ८१४,८१५,९४० असच्चरूव १८०५ अवाय (आहरणदिटुंतपगार) असच्चववहार १८०७ अवाय २३०२,२४३० असच्चसीलाचार १८०६ अवायमई (मतिभेद) ८१५,८१६ असच्चसंकप्प १८०६ अविओग (परिग्गहपज्जवणाम) १४१८ असच्चसंधत्त (मुसावायपज्जवणाम) १३६९ अविग्गहगइसमावन्नग २४८,२९२,२९३,२९४ असच्चामोस (भासाजात) ७१३,७१४,७१६,७१७ अविग्गहगइसमावन्नय २१२४ असच्चामोस (मणपगार) अविघुट्ठ (गीतगुण) १०३६ असच्चामोसभासग अवितह असच्चामोसभासाकरण ७२९ अविभागपलिच्छेद १६५०,१६५१ असच्चामोसभासानिव्वत्ती अविरह २४१,२४२ अविरई (आसवदार) असच्चामोसमणजोग २३४१ १३५२ असच्चामोसमणजोय अविरय ३१७,१७५२,२१६८,२१८२,२१८७ अविरयसम्मदिट्ठि असच्चामोसमणनिबत्ती ७४१ असच्चामोसमणप्पओग ७५०,७५२ अविराहियसंजम अविराहियसंजमासंजम २०६३ असच्चामोसमणप्पओगपरिणय (पोग्गल) २४७९,२४८६,२४८८ अविसुद्धलेस्स २४८४ १२०२,१२०३,१२०४ असच्चामोसमणमीसापरिणय (पोग्गल) अविसेसिय असच्चामोसवइजोग २३४१ अविसंदिद्ध असच्चामोसवइजोय अविसंभ (पाणवहपज्जवणाम) असच्चामोसवइप्पओग ७५०,७५२ अविसंवायणाजोग (सच्चोप्पत्तिकारण) असच्चामोसवइप्पओगपरिणय (पोग्गल) २४७९ अवीचिदब्व ४८९ असच्चामोसवइप्पओगी ७५३,७५४ अवीयीपंथ १२७२,१२७३ असच्चामोसा (अपज्जत्तियाभासा) अवीरिय २३६-२३८ असण (आहार) अवुच्छित्तिणयट्ठया ८२३ असण्णिकाय १२८० अवेदग असण्णिपंचिंदियतिरिक्खजोणिय २२०२,२२४९,२२५२, अवेदभाव ३६३ २२६६,२२७९,२२८७ अवेदय ९४८,९५२ | असण्णिभूय २६४,२६५,२९१,१६७१ ७३७ ७१४ ४७८ Jain Education International P-37 For Privale & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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