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અજીવ દ્રવ્ય-અધ્યયન
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२. जे संठाणओ बट्टसंठाणपरिणयाते वण्णओ-१. कालवण्णपरिणया वि, २. नीलवण्णपरिणया वि, ३. लोहियवण्णपरिणया वि, ४. हालिद्दवण्णपरिणया वि, ५. सुक्किलवण्णपरिणया वि। गंधओ-१. सुब्भिगंधपरिणया वि, २. दुब्भिगंधपरिणया वि। रसओ-१. तित्तरसपरिणया वि, २. कडुयरसपरिणया वि, ३. कसायरसपरिणया वि, ४. अंबिलरसपरिणया वि, ५. महुररसपरिणया वि। फासओ-१. कक्खडफासपरिणया वि, २. मउयफासपरिणया वि. ३. गरूयफासपरिणया वि, ४. लहुयफासपरिणया वि, ५. सीयफासपरिणया वि, ६. उसिणफासपरिणया वि, ७. निद्धफासपरिणया वि, ८. 'लुक्खफासपरिणया वि। ३. जे संठाणओ तंससंठाणपरिणयाते वण्णओ-१. कालवण्णपरिणया वि, २. नीलवण्णपरिणया वि, ३. लोहियवण्णपरिणया वि, ४. हालिद्दवण्णपरिणया वि, ५. सुक्किलवण्णपरिणया वि । गंधओ-१. सुब्भिगंधपरिणया वि, २. दुब्भिगंधपरिणया वि। रसओ-१. तित्तरसपरिणया वि, २. कडुयरसपरिणया वि, ३. कसायरसपरिणया वि, ४. अंबिलरसपरिणया वि, ५. महुररसपरिणया वि। संठाणओ भवे वट्टे, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य ।
२. सो संस्थानथी वृत्तसंस्थान - परित छ - तेसो fधी - १. ११५ - ५रित ५९॥ छ, २. नील - परित ५९छे, 3. २ऽतव - परिणात ५९॥ छ, ४. पात - परित ५९ , ५. शुस - परिसरात ५छे. तेसोगंधयी - १. सुगंध - परित ५९ छे, २. [५ - ५२त ५९छे. तेसो २सथी - १. तितरस - परिणत छ, २. ३८२स - परित ५९ छ, 3. थायरस - परित ५९छ, ४. सारस - परित ५९॥ छ, ५. मधु२२स - परित पछ. तेसो स्पर्शथी - १. ईश स्पर्श - परित ५। छ, २. भूस्पर्श - परिरात ५९॥ छ, 3. गु३स्पर्श - परित ५। छ, ४. लघुस्पर्श - ५२५॥त ५२ छ, ५. तिस्पर्श - परित ५९छ, 5. स्पर्श - ५२५॥त ५९ छ, ७. स्नि५स्पर्श - परित ५९॥ छ, ८. सुक्षस्पर्श - परित ५९छे. 3.संस्थानथा व्यस्त्रसंस्थान - परित छ - तेसो पक्षिी - १.३९ - परित छ, २. नीसव - परित ५० छ, 3. २३तवर्ण - परित ५९ छ, ४. पात - परिभात ५९ छ, ५. शुस - परित ५९। छे. तेसो गयी - १. सुगंध - परित ५५॥ छ, २. ध - परित ५९॥ छ. तेसो २सथी - १. तितरस - परित ५९ छ, २. टुरस - परिभात ५९॥ छ, 3. 5थायरस - परित ५। छ, ४. अन्सारस - परित ५८ छ, ५. मधु२२स - परित छ.
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